नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने स्पष्ट उद्देश्य के साथ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था और उद्देश्य पूरा होने के साथ ही इसे समाप्त कर दिया गया और इससे पूरी दुनिया को सबक लेना चाहिए।
वायु सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में एयर चीफ मार्शल ने यह भी कहा कि वायु सेना ने अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ‘रोडमैप 2047’ तैयार किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह तीनों सेनाओं के तालमेल का प्रतिबिंब है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हवा में हमारे पास लंबी दूरी वाले एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) और चार से पांच लड़ाकू विमानों के सबूत हैं।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के रडार, कमांड और कंट्रोल सेंटर, रनवे और हैंगर आदि को नुकसान पहुंचा था।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया।
इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण सैन्य संघर्ष हुआ जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद समाप्त हुआ।
एक सवाल के जवाब में वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तीनों सेनाओं ने हवाई रक्षा प्रणाली ‘सुदर्शन चक्र’ पर काम करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को भारत के महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा करने और किसी भी खतरे का निर्णायक जवाब देने के लिए एक स्वदेशी हवाई रक्षा प्रणाली विकसित करने की परियोजना की घोषणा की थी।
यह पूछे जाने पर, कि क्या भारतीय वायुसेना और अधिक एस-400 हवाई रक्षा मिसाइलें खरीदने पर विचार कर रही है, एयर चीफ मार्शल ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि यह प्रणाली अच्छी साबित हुई।