रोज 2 गिलास कोल्डड्रिंक्स से बढ़ सकता है कम उम्र में मृत्यु का खतरा

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वैसे तो सदा से डाक्टर कोल्ड ड्रिंक्स पीने को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बनाते रहे हैं और अधिकतर लोग उनकी सलाह को अनसुना करते रहे हैं पर शायद एक नई स्टडी के परिणाम आने के पश्चात लोग इसे गंभीरता से लेने लगे। स्टडी के अनुसार दैनिक 2 गिलास या 250 मि.लि. किसी भी तरह के साफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से कम उम्र में मौत का खतरा 26 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसके प्रभाव अगले 16 सालों तक नजर आने लगते हैं। स्टडी में शामिल वैज्ञानिकों के अनुसार सभी तरह की साफ्ट ड्रिंक्स की जगह पानी पीना ज्यादा अच्छा है। स्टडी में शुगर के कारण मीठे और आर्टिफिशियल तरीके से मीठे किए गए ड्रिंक्स शामिल किए गए।
कामकाजी महिलाओं में कम होता है डिमेंशिया का खतरा
डिमेंशिया और अल्जीमर्स रोग पर हुए एक अमेरिकन अध्ययन में पाया गया है कि जो महिलाएं सवेतन नौकरी करती हैं, उनमें डिमेंशिया और अल्जीमर्स होने की संभावना कम हो जाती है। इस अध्ययन में शादीशुदा, कामकाजी सिंगल माताएं, शादी शुदा होम मेकर महिलाएं और घर पर रहने वाली सिंगल मदर्स का अध्ययन किया गया।
अधिकतर महिलाओं में 60 वर्ष की आयु के पश्चात स्मरण शक्ति में कमी देखी गई. जो महिलाएं सवेतन काम नहीं करती थीं, उनमें यह कमी अधिक देखी गई। उनमें तेजी से स्मृति कम हुई। जो महिलाएं घर पर रह कर सवेतन काम नहीं करती थीं और जो सिंगल माताएं सवेतन काम नहीं करती थीं, उनमें सबसे अधिक मैमोरी लास देखा गया।
पैरों का दर्द और आयु
उम्र बढ़ने के साथ हमारे पैरों का आकार कुछ बदलता रहता है और इसके साथ ही पैरों के कष्ट और दर्द आदि बढ़ जाते हैं। यह पाया गया है कि अधिकतर वृद्ध लोग सही फिटिंग वाले जूते नहीं पहनते जिससे उनका संतुलन और चाल बिगड़ सकती है और गिरने और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।
डच शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों पर इस विषय पर किए गए 57 अध्ययनों की समीक्षा की। उनके अनुसार वरिष्ठ जनों को सही नाप के जूते पहनने चाहिए जिनमें पंजा सही फिट हो, एड़ी की ऊंचाई कम हो किंतु एड़ी के लिए पर्याप्त स्थान हो और कहीं से खुला या टाइट न हो। शोधकर्ताओं के अनुसार जब वरिष्ठ जनों को सही फिटिंग के जूते दिए गए तो उन्हें कम दर्द हुआ और उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ।
मीठे पेय बढ़ा सकते हैं कैंसर का खतरा
जो लोग अधिक मीठे पेय जैसे सोडा, जूस आदि अधिक पीते हैं उन्हें कई प्रकार के कैंसर विशेषतः ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। एक फ्रेंच अध्ययन में औसत 42 वर्ष आयु के महिलाओं और पुरूषों का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में 21 प्रतिशत पुरूष और 79 प्रतिशत महिलाएं थीं। अध्ययन में भाग लेने वालों से उनके दैनिक भोजन और पेयों की जानकारी ली गई। यह पाया गया कि पुरूष महिलाओं से अधिक मीठे पेय पीते हैं। इन 101257 लोगों का 9 वर्ष तक अध्ययन किया गया और कैंसर के 2193 मामले पाये गये। यह पाया गया कि जो लोग 100 मि.लि. मीठे पेय रोज पीते थे उनमें कैंसर का 18 प्रतिशत अधिक खतरा पाया गया और 22 प्रतिशत महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पाया गया। इन मीठे पेयों में शुद्ध फ्रूट जूस भी शामिल हैं। अतः किसी भी तरह के मीठे पेयों को अपनी नियमित आदत न बनाएं।
उच्च रक्तचाप के शुरूआती लक्षण
जिन लोगों को 40 वर्ष की आयु से पूर्व उक्त रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्राल का सामना करना पड़ता है, उन्हें बाद में ह्नदय रोग हाने की संभावना अधिक होती है । अमेरिकन कॉलेज आफ कार्डियोलॉजी द्वारा किए गए 6 अध्ययनों में यह बात उभर कर आई है। इन अध्ययनों में 18 वर्ष से 84 के 36030 लोगों ने भाग लिया।
अध्ययन कर्ताओं ने 18 वर्ष से 39 वर्ष की आयु तक के रक्तचाप तक का रिकार्ड रखा और 40 वर्ष की आयु के पश्चात होने वाले ह्नदय रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरे से इसे मिलाया। बाद के 17 वर्ष में 4570 को ह्नदय रोग हुआ, 5119 रोगों को हार्ट फेल हुआ और 2862 लोगों को स्ट्रोक हुआ। जिन लोगों का एलडीएल कोलेस्ट्राल का स्तर 40 वर्ष की आयु से पूर्व 100 मि.ग्रा या अधिक था उनमें ह्नदय रोग होने की संभावना 64 प्रतिशत अधिक पाई गई। जिन युवाओं में 40 वर्ष की आयु से पूर्व रक्तचाप की ऊपरी संख्या 130 से अधिक थी, उनमें बाद में हार्ट फेल होने की संभावना 37 प्रतिशत अधिक थी। इसी प्रकार जिन युवाओं में रक्तचाप की निचली संख्या 40 वर्ष से पूर्व 80 से अधिक थी, उन्हें भी खतरा सामान्य से 21 प्रतिशत अधिक था, इसलिए युवा अवस्था में अपने रक्तचाप का विशेष ध्यान रखें ताकि बड़ी आयु में खतरा अधिक न हो।

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