गुवाहाटी, 16 अक्टूबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब गायक जुबिन गर्ग जीवित थे तो कई लोगों ने उन्हें बदनाम किया लेकिन अब वे उनकी पूजा कर रहे हैं।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब एक दिन पहले पुलिस ने बक्सा जिले में गायक की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार पांच लोगों को ले जा रहे काफिले पर हमला करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, “जब जुबिन जीवित थे, तो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र ने उन्हें बदनाम करने और नीचा दिखाने की कोशिश की। उनकी मृत्यु के बाद, वही लोग उन्हें भगवान की तरह पूज रहे हैं।”
शर्मा ने दावा किया, “ये असली प्रशंसक नहीं हैं- ये नकली प्रशंसक हैं जिनका एकमात्र मकसद उनके नाम का इस्तेमाल भाजपा पर हमला करने और उसका विरोध करने के लिए करना है। सच्चा प्यार और सम्मान तब दिखाया जाता है जब कोई व्यक्ति जीवित होता है, न कि मृत्यु के बाद, अपनी सुविधा के लिए।”
उन्होंने बुधवार को आरोप लगाया था कि जिस दिन जुबिन की मौत हुई, उसी दिन से लोगों का एक वर्ग अपने निहित राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए झूठा विमर्श गढ़ने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि कुछ राजनीतिक दल आम लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह लोगों के हित में नहीं है और इससे राज्य को लंबे समय तक नुकसान होगा, जैसा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ आंदोलन से हुआ था।’
शर्मा ने लोगों से न्यायपालिका पर विश्वास रखने और निहित स्वार्थों की राजनीति करने वालों के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा कि जुबिन मामले में एक वर्ग “अपने राजनीतिक लाभ के लिए गलत जानकारी दे रहा है।”
उन्होंने कहा, “इनमें से ज़्यादातर लोग कभी ज़ुबिन के प्रशंसक नहीं थे और उन्होंने उनकी आलोचना भी की थी, लेकिन अब रातोंरात उन्होंने अपने पिछले सोशल मीडिया पोस्ट हटा दिए हैं और उनके कट्टर प्रशंसक होने का दावा कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह वर्ग ‘राज्य में तब तक स्थिति को शांत नहीं होने देगा जब तक कि हिंसा न हो या राज्य में नेपाल जैसी स्थिति न बन जाए।’
असम सरकार ने 19 सितंबर को समुद्र में डूबने से सिंगापुर में गायक की मौत की जांच के लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था।