
देश और प्रदेश में स्वास्थ्य के प्रति जागृति बढ़ी है। जनता स्वास्थ्य को लेकर पहले से कहीं ज्यादा जागरूक भी हुई है। बावजूद इसके रोगों का प्रकोप जारी है। रोकथाम के प्रयास कम पड़ जाते हैं। मलेरिया, डेंगू, एन्सेफ लाइटिस, मस्तिष्क ज्वर, जापानी बुखार चिकनगुनिया जैसी बीमारियां घूम फिर कर लौट आती हैं।
डेंगू फैलने के कारण
एडिस इजिप्टाम नामक मच्छर ही डेंगू को फैलाता है। बलबलाती गंदगी, कूड़ा-कचरे और गंदे पानी ही मच्छर की पैदावार बढ़ाते हैं। गड्ढों में भरे हुए गंदे पानी में ही मच्छर पैदा होते हैं। नगर प्रशासन और जन सहयोग से ही नगर में साफ-सफाई की व्यवस्था की जा सकती है। समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव भी उतना ही जरूरी है।
हमारे देश की भौगोलिक स्थिति और जलवायु संबंधी परिस्थितियां मलेरिया-डेंगू के प्रसार के लिए काफी अनुकूल हैं। अत्यधिक ठंड और गर्मी में मच्छर जीवित रह नहीं सकते। नम वातावरण में मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं। एनाफिलीज मच्छर ही मलेरिया का प्रसार करते हैं।
डेंगू के सामान्य लक्षण:-
डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है। इसके दौरान रोगी को अचानक तेज बुखार होता है, तेज सिरदर्द होता है, आंखों के पीछे, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। कभी-कभी लगातार पेट में भी तेज दर्द होता है और उल्टियां भी शुरू हो जाती हैं। शरीर में सूजन भी आ जाती है और झटके भी आना शुरू हो जाते हैं। रक्तस्राव भी होता है।
काला मल होना, स्नायु जोड़ों में दर्द, छाती और ऊपरी हिस्से में दर्द उठना, मुंह का स्वाद बिगड़ना, भूख न लगना, घबराहट होना, त्वचा का निस्तेज और ठंडा पड़ना, नींद न आना, सांस लेने में परेशानी, धड़कन बढ़ना भी डेंगू बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। 103 से 105 डिग्री तक बुखार होना भी डेंगू का प्रमुख लक्षण हैं। छोटे बच्चे लाल हो जाते हैं। उन्हें खड़े होने में भी तकलीफ होने लगती है। उनकी आंखें लाल हो जाती हैं। सच यह भी है कि छोटे बच्चों को ही नहीं बल्कि वयस्कों को भी डेंगू की बीमारी हो सकती है।
डेंगू पर अंकुश कैसे?
डेंगू की जड़ मच्छर हैं। यदि डेंगू पर अंकुश लगाना है तो मच्छरों की पैदावार पर बंदिश जरूरी है। मच्छरों पर अंकुश लगाने के लिए हमें अपने घर के अंदर और बाहर दोनों जगह साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। मच्छरों के पनपने के स्थान को नष्ट करना होगा। कूलर की टंकी का पानी, पानी की टंकियां, खाली ड्रम, बोतलें, गमलों में जमा पानी तथा पेड़ के तने, गटर, गड्ढे में जमा पानी में एडिस इंजिप्टाम मच्छर की मादा अंडे देती है और वहीं पर डेंगू बुखार फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं। अतः कहीं भी पानी जमा न होने दें। पानी की टंकियां ढंक कर रखें। नगर निगम को भी चाहिए कि वह मच्छरों को मारने हेतु कूड़े-कचरे के ढेर पर, नालियों में कीटनाशक डाले और फॉगिंग मशीन से महीने में एक बार सभी बस्तियों में छिड़काव करे।
साफ-सफाई अभियान में ढिलाई उचित नहीं कही जाएगी क्योंकि गंदगी ही बीमारियों को आमंत्रित करती है। स्वच्छता अभियान की सफलता सामूहिक प्रयासों पर निर्भर करती है। हम सभी को अपना नजरिया बदलना ही होगा। तभी साधारण बीमारियां महामारी बनने से बच पायेंगी।