गर्भावस्था में डाक्टर के पास कब जाएं?

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गर्भावस्था में पहली बार मां बनने वाली महिलाआंे को अनुभव न होने के कारण कई बातों का तनाव रहता है। उन तनावों में एक यह भी तनाव होता है उन्हें डाक्टर के पास कब जाना चाहिए।
– जैसे ही महिला गर्भधारण करती है उसे तुरंत गाइनाकोलोजिस्ट से मिलना चाहिए ताकि शुरू में आने वाली समस्याओं के बारे में वह आपका मार्ग दर्शन कर सके।
– पुनः डाक्टर जब भी बुलाए या कोई भी जांच कराने के लिए कहे तो समय पर जांच करवाएं और डाक्टर से मिलते रहें ताकि डाक्टर आपके वजन, ब्लडप्रेशर और मधुमेह पर नजर रख सके।
– शुरू के महीनों में बच्चे की हल्की फुल्की मूवमेंट शुरू होती है पर उसका पता मां को नहीं लगता। बस आराम करते हुए हल्का सा महसूस होता है।
– जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है मूवमेंट की गति तेज हो जाती है अब मां को भी उस गतिविधि का अनुभव होने लगता है। तकरीबन 18 से 20 सप्ताह के भीतर मूवमेंट का अहसास होने लगता है।
– जब बच्चे का विकास पूरा हो जाता है तब गतिविधि और तेज हो जाती है वह पेट में घूमना और लातें चलाना शुरू कर देता है। हर गर्भवती महिला इसका अनुभव अच्छे से कर सकती है।
– मूवमेंट कंम होने पर या न होने पर डाक्टर से तुरंत मिलें ताकि वह जांच कर समय पर आवश्यक कदम उठा सके।
– किसी भी प्रकार के दर्द होने पर डाक्टर से मिलें। कभी कभी प्री टर्म लेबर पेन हो सकती है यानी समय से पूर्व प्रसव। कभी कभी शरीर में पानी की कमी,गैस,कब्ज होने पर भी दर्द होता है इसलिए डाक्टर से मिलकर आप निश्चित हो सकती हैं।
– कभी कभी शुरूआती गर्भधारण में हल्की से स्पाटिंग, ब्लीडिंग या पेट दर्द हो, तब भी डाक्टर से मिलना जरूरी है।
– गर्भावस्था के नौंवे महीने में रक्तóाव,स्पाटिंग या लेबर पेन जैसा महसूस हो, तब भी डाक्टर से मिलें। हो सकता है प्रसव का समय पास आ रहा हों। अपना जो सामान और नवजात शिशु के सामान का बैग भी सामने ही रखें ताकि जरूरत पड़ने पर उसे साथ रख सकें।
– शुरू में कई बार दर्द रह रह कर उठता है और बीच मंे तेज दर्द की लहर भी आती जाती है। चिंता न करें।
– अगर दर्द लगातार बढ़ रहा है और पेशाब जाने की जरूरत महसूस हो रही हो या किसी किसी भी प्रकार का óाव हो तो समझें लेबर पेन हो रही है। तुरंत हास्पिटल जाएं जहां पर आपने अपना नाम रजिस्टर कराया हुआ है।
– अगर गर्भावस्था के बीच में या अंत में ब्लीडिंग हो तो खतरे की घंटी है इसे इग्नोर न करें क्योंकि मां और शिशु दोनों के लिए खतरा है।
– कई बार प्लेसेंटा की समस्या के कारण प्रारंभ के तीन माह में स्पाटिंग या रक्तóाव हो जाता है। इसके लिए डाक्टर के पास जाना जरूरी है।
– ब्लड शुगर या ब्लड प्रेशर ज्यादा समय तक बढ़ना भी ठीक नहीं।?
– अचानक पेडू में दर्द होने पर भी डाक्टर के पास जाएं। गर्भपात का होना या प्रीमैच्योर लेबर हो सकती हे।
‘- अगर 12 हफ्ते तक पेडू का दर्द, रक्तóाव या प्लेंसेंटा नीचे होता रहे तो भी गर्भपात होने का खतरा हो सकता है।
– वेजाइना से एकदम पानी आने पर भी तुरंत डाक्टर के पास जाएं ताकि सही उपचारी समय पर मिलने से मां और बच्चे को बचाया जा सके।
– कुछ गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल में सेक्स करने की मनाही की जाती है जिनका पहले एबाशर्न हो चुका हो या बच्चा बहुत ही कमजोर हो।
– पहले 3 माह तक डाक्टर पति पत्नी में शारीरिक संबंध न बनाने की सलाह देते हैं क्योंकि इस दौरान गर्भपात होने की संभावना रहती है।
– गर्भावस्था में सेक्स के बाद क्रैम्पस या पेडू में दर्द रहे तो भी सेक्स से दूर रहना चाहिए।
– गर्भावस्था के लास्ट 3 माह में महिला का वजन और पेट काफी बढ़ जाता है तब सेक्स करना मुश्किल होता है तब भी डाक्टर सेक्स से दूरी बनाए रखने के लिए बोलते हैं और प्रसव के तुरंत बाद भी महिला के साथ सेक्स न बनाने की सलाह देते हैं क्योंकि यह जच्चा की सेहत के लिए ठीक नहीं।
– लेबर बैग डिलीवरी की डेट से पहले तैयार रखें उसमें अपनी कंफर्टेबल चप्पल,नाइटीस तकिया और डिलीवरी के बाद पहनने वाली ब्रा (फीडिंग ब्रा), माश्चराइजर, टुथब्रश, कंघी रखें। बच्चे के लिए नैपीज, झबले, कंबल, चादर,साक्स ,केप, पाउडर और क्रीम रखें। 

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