टाटा कैपिटल का 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का आईपीओ अक्टूबर में

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नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) टाटा कैपिटल अक्टूबर के पहले पखवाड़े में अपना बहुप्रतीक्षित दो अरब डॉलर (17,000 करोड़ रुपये से अधिक) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला सकती है। कंपनी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने की मंजूरी मिली है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।

इससे पहले, इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था।

कंपनी अपने पहले सार्वजनिक निर्गम के जरिये 18 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर दो अरब अमेरिकी डॉलर जुटाने की उम्मीद कर रही है। यह अप्रैल में टाटा कैपिटल द्वारा गोपनीय आईपीओ दस्तावेज दाखिल किए जाने के समय बताए गए 11 अरब डॉलर के मूल्यांकन से काफी ज्यादा है।

हुंदै मोटर के अक्टूबर, 2024 में 3.3 अरब डॉलर (27,870 करोड़ रुपये) के आईपीओ के बाद टाटा कैपिटल की पेशकश देश में सबसे बड़ी होगी।

मामले से जुड़े लोगों ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हालांकि, आरबीआई ने 30 सितंबर की समयसीमा दी थी, लेकिन उसने प्रक्रिया संबंधित कारणों से इसे बढ़ाने की अनुमति दी है।’’

बाजार पर्यवेक्षकों के अनुसार, बड़े आईपीओ में अक्सर इस तरह के विस्तार देखने को मिलते हैं। उदाहरण के लिए, एनएसडीएल के 4,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को जुलाई में खुलने से पहले सेबी ने चार महीने से ज्यादा का विस्तार दिया था।

अगस्त में दाखिल किए गए अद्यतन ‘रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस’ यानी विवरण पुस्तिका के अनुसार, आईपीओ में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों तक का नया निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल होगा। इससे कुल आईपीओ 47.58 करोड़ शेयर का होगा।

प्रवर्तक टाटा संस 23 करोड़ शेयर का विनिवेश करेगी, जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) 3.58 करोड़ शेयरों तक की बिक्री करेगी। वर्तमान में, टाटा कैपिटल में टाटा संस की 88.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आईएफसी की 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

नए निर्गम से प्राप्त राशि का उपयोग शेयर पूंजी बढ़ाने और ऋण वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।

सफल होने पर, यह आईपीओ भारत के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम बन जाएगा। नवंबर, 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के बाद, यह हाल के वर्षों में टाटा समूह की दूसरी सार्वजनिक सूचीबद्धता भी होगी।

यह आईपीओ ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के लिए आरबीआई की सूचीबद्धता अनिवार्यता के तहत लाया जा रहा है। इसके अनुसार उन्हें वर्गीकरण के तीन वर्षों के भीतर सूचीबद्ध होना आवश्यक है। टाटा कैपिटल को सितंबर, 2022 में ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में नामित किया गया था।

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