मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है।
उच्चतम न्यायालय ने अधिनियम के कई अहम प्रावधानों पर रोक लगा दी है, जिनमें वह धारा भी शामिल है, जिसमें वैसे लोगों को किसी संपत्ति को वक्फ करने की अनुमति दी गई थी, जो पिछले पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहे हैं। हालांकि, अदालत ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
मुंबई विश्वविद्यालय के कलिना परिसर में विरासत भाषाओं और सांस्कृतिक अध्ययन उत्कृष्टता केंद्र के भूमिपूजन समारोह के बाद रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय हमारे लोकतंत्र के लिए एक बहुत अच्छा संकेत है।’’
उन्होंने कहा, “अधिनियम के प्रावधान पूरे मुस्लिम समुदाय के लिए लाभकारी हैं।”
मंत्री ने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड के माध्यम से संपत्ति पर कब्जा करने सहित होने वाले दुरुपयोग पर अब इस नए कानून के जरिए रोक लगेगी। उच्चतम न्यायालय पूरे मामले से भलीभांति अवगत था।’’
रीजीजू ने कहा कि संसद के इतिहास की सबसे लंबी चर्चा के बाद वक्फ कानून पारित किया गया। इससे गरीब मुस्लिम भाइयों और महिलाओं सहित पूरे मुस्लिम समुदाय को लाभ होगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने विधेयक से संबंधित सभी तथ्य और तर्क उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिए हैं।
इससे पहले विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रीजीजू ने कहा कि विश्वविद्यालय का नया पाठ्यक्रम भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा, जो इसकी सांस्कृतिक विरासत में निहित है।
रीजीजू ने कहा कि देश 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए सही रास्ते पर है।
उन्होंने विश्वविद्यालय से इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।
रीजीजू ने कहा कि कोई भी दूसरा देश अल्पसंख्यकों की उतनी परवाह नहीं करता जितना भारत करता है।
मंत्री ने कहा कि भारत में कोई भी असुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से अल्पसंख्यकों पर हमले की घटनाएं नगण्य स्तर पर पहुंच गई हैं।