नेपाल में फिर छात्रों का प्रदर्शन शुरू, प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग

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काठमांडू, नौ सितंबर (भाषा) नेपाल के कई हिस्सों में मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में नए सिरे से सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की।

काठमांडू के कलंकी और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के चापागांव-थेचो इलाके से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं।

प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए टायर जलाए।

प्रदर्शनकारियों ने ‘‘केपी चोर, देश छोड़’’ और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो’’ जैसे नारे लगाए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी युवकों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी स्थित संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर भी पथराव किया।

गुरुंग ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।

प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के खुमलतार स्थित पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के आवास पर तोड़फोड़ की।

उन्होंने काठमांडू के बुद्धनीलकंठ में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने भी प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।

काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने राजधानी शहर में सुबह साढ़े आठ बजे से अगली सूचना तक कर्फ्यू की घोषणा की।

भक्तपुर जिला प्रशासन ने भी मध्यपुर थिमी, सूर्यबिनायक, चंगुनारायण और भक्तपुर नगर पालिकाओं में सुबह साढ़े आठ बजे से अगली सूचना तक प्रतिबंध लगा दिए।

ललितपुर के भैसपति, सनेपा और च्यासल सहित कई क्षेत्रों में सुबह नौ बजे से मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लागू है।

सोशल मीडिया साइटों पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं द्वारा सोमवार को नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें पुलिस के बल प्रयोग के कारण कम से कम 19 लोगों की मौत हो गयी और 300 से अधिक घायल हो गए।

हालात बिगड़ने के बाद राजधानी में नेपाली सेना तैनात कर दी गई। सेना के जवानों ने न्यू बानेश्वर स्थित संसद परिसर के आसपास की सड़कों पर नियंत्रण कर लिया।

बाद में गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस स्थिति को लेकर इस्तीफा दे दिया।

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