भोपाल, 26 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि सोयाबीन किसानों के लिए बाजार मूल्य एवं एमएसपी के बीच के अंतर को पाटने हेतु भावांतर योजना लागू की जाएगी।
यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार किसानों को सोयाबीन की फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी स्थिति में उन्हें नुकसान नहीं होने देगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोयाबीन के लिए 5,328 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने बयान में कहा कि किसान संघों के सुझावों के आधार पर राज्य सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन किसानों को भावांतर योजना (बाजार मूल्य एवं एमएसपी के बीच के अंतर को पाटने के लिए) का लाभ प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा , ‘‘ किसान पहले की तरह ही मंडियों में सोयाबीन बेचते रहेंगे और अगर उपज एमएसपी से कम दाम पर बिकती है, तो सरकार भावांतर योजना के तहत उन्हें हुए नुकसान की भरपाई करेगी। ’’
यादव ने कहा कि सरकार फसल के विक्रय मूल्य और एमएसपी के बीच के अंतर का सीधे भुगतान करेगी। भावांतर योजना के तहत किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। पहले भी फसल नुकसान के लिए किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है। संकट के समय सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है।
उन्होंने साथ ही बताया कि सोयाबीन की फसल को ‘पीले मोजेक’ (वायरस) से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण भी किया जा रहा है और प्रभावित उपज के लिए किसानों को आवश्यक राहत दी जाएगी।