कुछ जरूरी टिप्स आपकी डाइट हेतु

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टेस्टी खाना सबको लुभाता है,सामने स्वादिष्ट भोजन हो और स्वादिष्ट भोजन आपकी कमजोरी हो तो अपने पर संयम रखना बहुत मुश्किल होता है। प्रसिद्ध डाइटीशियन रूजुता दिवाकर के अनुसार नियमों के अनुसार खाने के बजाय अपनी कामन सेंस का प्रयोग करें तो आप अपने पर संयम रख सकते हैं। खाने से पहले अगर हम अपने शरीर की सुनें तो हम अपने दिमाग का सही प्रयोग कर शरीर को चुस्त दुरूस्त रख सकते हैं।
– अपने मेटाबालिज्म को सही बनाए रखने के लिए हर दो घंटे बाद कोई फल,सूखे मेवे, नारियल पानी, ताजा फलों का रस, सब्जियों का सूप कुछ भी लेते रहें।
– चावल का सेवन गलत नहीं बल्कि इसके खाने के बाद देर तक बैठे रहना, उठने चलने में आलस्य करना गलत है। चावल में कार्बोहाइडेªट कंी मात्रा काफी होती है पर उसे अपनी दिनचर्या से अलग करना ठीक नहीं। चावल अधिकतर हम दाल, दही, मीट, चिकन और घी के साथ खाते हैं क्योंकि यही कांबिनेशन चावल के स्वाद को बढ़ाते हैं। इससे हमारा पेट अधिक समय तक भरा रहता है।
– खाना खाते समय अपना टीवी,मोबाइल, लैपटाप बंद कर दें। ध्यान खाने पर लगाएं।
– अधिकतर लोग शाम की चाय के साथ स्नैक्स में गड़बड़ करते हैं। उस समय भूख लगी होती है अतः तले स्नैक्स या जंक फूड खाते हैं जो गलत है। थोड़ी सी समझदारी से सप्ताह भर का स्नैक्स का मेन्यू तैयार कर लें जिसमें हैल्दी स्नैक्स हों। उन्हें बनाकर रख लें और घर या आफिस में उन्हें चाय के साथ लें।
– हमारे भारतीय व्यंजन बाहर के कॉर्नफ़्लेक्स, ओट्स, फाइबर युक्त बिस्किट से ज्यादा अच्छे हैं जैसे पोहा, परांठा, उपमा, डोसा आदि।
– पैकेटबंद कटी फल सब्जियों से बेहतर है घर पर ही सब्जियों व फलों को धोकर काटें। कभी मजबूरी में ही मेगा स्टोर से इन चीजों को मंगवाएं।
– गर्मियों में खाना खाने के बाद सौंफ, मिश्री आदि का सेवन करें। ये खाना पचाने में मदद करते हैं। मिश्री की सीमित मात्रा नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि गलत तरीके से बोतल बंद जूस,साफ्ट ड्रिंक्स की मिठास नुकसान पहुंचाती है।
– सीजनल फल-सब्जियां को अपने खाने में शामिल करें। घर का ताजा बना खाना खाएं। बाजार में कभी कभी खाना तो ठीक है पर रूटीन में नहीं।
– शुगर फ्री उत्पादों का सेवन न करें। फीकी चाय पीकर पैकेज, प्रोसेस्ड, लो कैलोरी चीजें खाकर स्वयं को मोटा न बनाएं।
– सीमित मात्रा में खाया आम,चीकू,केला,शरीफा जैसे फल हमें नुकसान नहीं पहुंचाते. अधिकता किसी भी चीज की ठीक नहीं।
– पुराने लोग अभी भी नई पीढ़ी से मीठा ज्यादा खाते हैं पर उनका मीठा खाने का तरीका ज्यादा समझदारी वाला है क्योंकि पैक्ड सीरियल्स, पैक्ड जूस कुकीज, पेस्ट्रीज, केक,चाकलेट,ब्राउनीज में प्रोसेस्ड शुगर काफी होती है जो नुकसान पहुंचाती है।
– सर्दियों में गोंद के लड्डू, बाजरे की रोटी और घी, गुड़ की गजक सीमित मात्रा में खाना बेहतर है। ये सब चीजें शरीर को ऊर्जा प्रदान करती हैं। 
 

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