Shardiya Navratri 2025 Day 3: मां चंद्रघंटा की पूजा से मिलेगा भय से मुक्ति और जीवन में शांति, जानिए भोग, रंग, मंत्र, कथा और आरती

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Maa Chandraghanta - Focus News

🙏 नवरात्रि का तीसरा दिन—एक ऐसा दिन जब मां दुर्गा अपने उग्र लेकिन करुणामयी स्वरूप मां चंद्रघंटा के रूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। इस दिन का हर पल विशेष होता है, हर पूजा फलदायी होती है, और हर मंत्र जीवन में नई ऊर्जा भरता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि 24 सितंबर 2025, बुधवार को मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें, कौन-सा रंग पहनें, क्या भोग लगाएं और कौन-से मंत्र व आरती का पाठ करें—तो यह लेख आपके लिए है।


🗓️ Shardiya Navratri 2025 का तीसरा दिन: विशेष तिथि और समय

  • तारीख: 24 सितंबर 2025 (बुधवार)

  • तृतीया तिथि: 24 सितंबर की पूरी रात से लेकर 25 सितंबर सुबह 7:07 बजे तक


🌸 मां चंद्रघंटा का स्वरूप: शक्ति का उग्र लेकिन कल्याणकारी रूप

मां चंद्रघंटा, देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें ‘चंद्रघंटा’ कहा जाता है।

  • वाहन: सिंह 🦁

  • दस हाथों में शस्त्र और वरमुद्रा:

    • दाहिने हाथ: कमल, धनुष, जप माला, तीर, और अभय मुद्रा

    • बाएं हाथ: त्रिशूल, गदा, कमंडल, तलवार और वरद मुद्रा

  • इनकी घंटी की ध्वनि से बड़े से बड़ा शत्रु भी भयभीत हो जाता है।


🟢 Navratri Day 3 Color: कौन-से रंग पहनें आज?

इस दिन का शुभ रंग है:
🔸 हरा (Green)
🔸 आसमानी (Sky Blue)
🔸 नारंगी (Orange)

इन रंगों के वस्त्र पहनना मां चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।


🍚 मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग: क्या लगाएं प्रसाद में?

इस दिन मां को गाय के दूध से बनी खीर का भोग अर्पित करना चाहिए।
यह भोग सभी कष्टों से मुक्ति दिलाता है और मन को शांति प्रदान करता है।


🔱 मां चंद्रघंटा पूजा विधि (Puja Vidhi)

  1. मां की प्रतिमा को स्नान कराकर श्रृंगार करें।

  2. उन्हें चंदन, अक्षत, फूल, सिंदूर अर्पित करें।

  3. फिर भोग लगाएं—विशेषकर खीर।

  4. मां चंद्रघंटा की कथा, मंत्र और आरती का पाठ करें।


🕉️ मंत्र: मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए करें इस मंत्र का 11 बार जप

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

👉 यह मंत्र जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति दिलाने वाला है।


📜 Navratri Day 3 Katha: मां चंद्रघंटा की पौराणिक कथा

जब महिषासुर के आतंक से त्रस्त होकर देवगण ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास पहुँचे, तब तीनों देवताओं के तेज से एक शक्ति उत्पन्न हुई—और उसी शक्ति से मां दुर्गा का चंद्रघंटा रूप प्रकट हुआ।

इस उग्र रूप ने दैत्यों का संहार कर देवताओं को भयमुक्त किया। मां चंद्रघंटा की उपासना करने से जीवन से भय, नकारात्मकता और बाधाएं दूर होती हैं।


🎶 मां चंद्रघंटा की आरती: शक्ति और शांति का संयोग

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती। चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
मन की मालक मन भाती हो। चन्द्रघण्टा तुम वरदाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली। हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये। श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए। सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥
शीश झुका कहे मन की बाता। पूर्ण आस करो जगत दाता॥
कांचीपुर स्थान तुम्हारा। कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥
नाम तेरा रटू महारानी। भक्त की रक्षा करो भवानी॥

🌟 Bonus: मां चंद्रघंटा स्तुति (Stuti)

आपद्धद्धयी त्वंहि आधा शक्ति: शुभा पराम्।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
...
सौभाग्यारोग्य दायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

🔚 सारांश: क्यों करें मां चंद्रघंटा की पूजा?

✅ डर और नकारात्मक ऊर्जा का अंत
✅ मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति
✅ संकटों में रक्षा और विजयी भविष्य की शुरुआत


🔔 तो इस शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन, 24 सितंबर 2025 को, मां चंद्रघंटा की पूजा करके अपने जीवन से भय, शत्रु और कष्टों को दूर करें। सही रंग पहनें, मन से मंत्र जपें और मां की आरती करें—क्योंकि यह दिन जीवन को बदल सकता है!


📢 इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें, ताकि वे भी मां चंद्रघंटा की कृपा से लाभ पा सकें।

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