
बेंगलुरु, 21 सितंबर (भाषा) रैडिसन होटल ग्रुप अब देश के पूर्वी हिस्से में भी अपनी पहुंच बढ़ाना चाहता है।
कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आतिथ्य क्षेत्र की दिग्गज कंपनी का ध्यान बड़े और छोटे दोनों शहरों में संपत्तियों की संख्या को संतुलित करने पर है।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में समूह के दक्षिण एशिया परिचालन के चेयरमैन के बी काचरू ने कहा कि पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को तोड़कर उनकी जगह आधुनिक इमारतें बनाने के बजाय, उन्हें धरोहर संपत्तियों के रूप में पुनर्स्थापित और संरक्षित किया जाना चाहिए।
काचरू ने बताया, ‘‘हमारी तरक्की का एक कारण यह है कि हम पूरे भारत में महत्वपूर्ण जगहों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं… वास्तव में, हम बड़े शहरों की तरह ही छोटे और मझोले शहरों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह बहुत संतोषजनक है।’’
फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) द्वारा 18-20 सितंबर तक बेंगलुरु के एक लक्जरी होटल में आयोजित राष्ट्रीय पर्यटन और आतिथ्य सम्मेलन में विभिन्न प्रमुख होटल श्रृंखलाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस बड़े आयोजन में कर्नाटक, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्रियों ने भी भाग लिया और सभा को संबोधित किया।
काचरू और आईटीसी ग्रुप तथा द पोस्टकार्ड होटल के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम के दौरान ‘बिल्डिंग आइकॉनिक इंडियन हॉस्पिटैलिटी ब्रांड्स दैट ट्रैवल द वर्ल्ड’ विषय पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया।
इसके अलावा, काचरू ने भारत में रैडिसन होटल ग्रुप की यात्रा और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगभग 28 साल पहले (भारत में) शून्य से शुरुआत की थी। अब हमारे भारत में 207 होटल हैं, और हम बढ़ रहे हैं।’’
समूह के दक्षिण एशिया परिचालन के चेयरमैन ने कहा कि एफएचआरएआई के 55वें वार्षिक सम्मेलन में, भारतीय आतिथ्य उद्योग के ब्रांड मूल्य को बढ़ावा देने के लिए बहुत अच्छे विचार सामने आए, जो सरकार और उद्योग दोनों की तरफ से थे।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘और, हम सभी के लिए जो बात बहुत सुखद है वह यह है कि सरकार ने कुछ पहल की हैं जो इस बात पर केंद्रित हैं कि अधिक विदेशी पर्यटकों को कैसे लाया जाए और हमारे घरेलू पर्यटन को कैसे मजबूत किया जाए। इसके लिए एक स्पष्ट कार्य योजना है। और, हम एक उद्योग के रूप में इसमें पूरी तरह से भाग ले रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमारे पास 207 होटल हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत छोटे और मझोले शहरों में स्थित हैं।’’
इस साल अप्रैल में, इस आतिथ्य क्षेत्र की कंपनी ने घोषणा की थी कि 2025 के लिए अपनी महत्वाकांक्षी विकास योजना के साथ, रैडिसन होटल ग्रुप ने पांच नए होटल पर हस्ताक्षर करने के बाद 200 होटल को पार करके भारत में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है।
पूर्वी भारत में नए बाजारों में प्रवेश करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर, काचरू ने कहा, ‘‘हम पूरे पूर्वी भारत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
काचरू ने बताया कि समूह ने बिहार जाने में रुचि दिखाई है।
उन्होंने साझा किया, ‘‘हम अभी बिहार में तीन संपत्तियों पर काम कर रहे हैं। सरकार ने हाल ही में, विशेष रूप से बौद्ध क्षेत्र में प्रोत्साहन की पेशकश की है, इसलिए हम वहां ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं।’’