पंजाब बाढ़: मुख्यमंत्री मान ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम करने का संकल्प लिया

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चंडीगढ़, 12 सितंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राहत और बचाव कार्य को तेज करने के लिए उपायुक्तों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम करेंगे।’’

मान को थकावट और हृदय गति धीमी होने के चलते मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी मिली थी।

मान ने प्रेस वार्ता की शुरुआत में कहा कि अब वह ठीक हैं।

स्वास्थ्य का हाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘बैक ऑन ट्रैक।’’

मान ने बताया कि उन्होंने सभी उपायुक्तों और कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में डिजिटल बैठक की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महीने के भीतर बाढ़ प्रभावितों को मुआवजे का वितरण शुरू किया जाएगा और उम्मीद जताई कि दीपावली (21 अक्टूबर) तक मुआवजा देने का कार्य संपन्न हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि विशेष गिरदावरी (नुकसान के सर्वे) का आंकड़ा एक महीने में तैयार करने के आदेश दिए जा चुके हैं।

बैठक में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, मुआवजा देने और राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति से निपटने के ठोस उपायों पर चर्चा हुई।

मान ने बताया कि बाढ़ से अब तक 55 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 42 मृतकों के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित आबादी के लिए बड़े पैमाने पर बचाव, राहत और पुनर्वास अभियान चला रही है।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया, ‘‘कुछ दिन पहले मैंने फसलों के नुकसान पर प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी।’’

पिछली सरकारों पर हमला करते हुए मान ने कहा कि लोग आज भी वह समय याद करते हैं, जब प्राकृतिक आपदाओं में नुकसान झेलने वालों को 26 रुपये या 40 रुपये के चेक दिए जाते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘इतना मामूली मुआवजा जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा था। प्रभावित लोगों को दर-दर भटकना पड़ता था, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिलता था।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वे सरकार पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, जैसे बाढ़ ‘‘भगवंत मान या आम आदमी पार्टी’’ की वजह से आई हो।

उन्होंने कहा, ‘‘वे हर बात के लिए भगवंत मान को जिम्मेदार ठहराना चाहते हैं।’’

मान ने कहा कि उन्होंने सभी उपायुक्तों और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसानों समेत लोगों को हुए नुकसान चाहे पशुधन का हो, फसलों का, मकानों या संपत्ति का, इनका तुरंत आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारी हर गांव जाएंगे और नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं भी किसान परिवार से हूं और उनकी समस्याओं को भली-भांति समझता हूं। जब तक प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा।’’

अस्पताल में भर्ती होने के चलते, मान मंगलवार को पंजाब आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नहीं मिल पाए। प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब की अपनी यात्रा के दौरान राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की थी।

मान ने कहा कि वह जल्द प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य को प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान के आंकड़े पेश करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश को संदेश गया है कि पंजाब कठिन समय से निपटना जानता है।

उन्होंने स्वीकार किया कि कई कलाकारों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संस्थाओं ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया।

उन्होंने बताया कि लोगों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में भी योगदान दिया है।

मान ने कहा, ‘‘जब मैं अस्पताल में था, तब भी मैं राहत कार्यों पर लगातार नजर रख रहा था। इस दौरान मैंने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता भी की।’’

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