7 अप्रैल, 1988 को केरल के कालीकट में पैदा हुई कन्नड़, तमिल और मलयालम फिल्मों की जानी मानी अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु कोट्टुवत्ता ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 2006 की मलयालम फिल्म ‘आउट ऑफ सिलेबस’ के एक छोटे रोल से की ।
उसके बाद उसी साल रिलीज मलयालम फिल्म ‘नोटबुक’ (2006) में पहली बार उन्हें पहला बड़ा ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
इस फिल्म में अपनी नेचुरल और इंटेंस एक्टिंग से उन्होंने ऑडियंस और क्रीटिक्स का दिल जीत लिया। उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अत्यधिक सफलता साबित हुई।
मलयालम फिल्म ‘बैंगलोर डेज़’ (2014) में आरजे सारा और मलयालम फिल्म ‘चार्ली’ (2015) के टेसा वाले किरदार के लिए उनके काम की जबर्दस्त प्रशंसा हुई। साथ ही उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार भी जीते।
इराक में फंसी भारतीय नर्सों की वास्तविक कहानी पर आधारित फिल्म ‘टेक ऑफ’ (2017) में उन्हें नेशनल अवार्ड का विशेष जूरी पुरस्कार मिला। इसके साथ ही एक उल्लेखनीय एक्ट्रेस के रूप में उनकी पहचान स्थापित हो गई।
मेडिकल थ्रिलर फिल्म ‘वायरस’ (2019) में अनू और फिल्म ‘उयारे’ (2019) में एसिड अटैक सर्वाइवर पल्लवी रविन्द्रन के किरदारों में उन्होंने बेहतरीन काम से हर किसी का दिल जीत लिया।
एक एक्ट्रेस के रूप में अपने टेलेंट के अलावा, पार्वती समाज में महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की मुखर समर्थक हैं। वह वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव की सह-संस्थापकों में से एक हैं जो मलयालम सिनेमा में लैंगिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए काम करने वाला एक समूह है।
साउथ फिल्मों में धूम मचाने के बाद जब एक्ट्रेस पार्वती थिरुवोथु ने फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ (2017) के जरिए हिंदी सिने जगत में डेब्यू किया। उसके बाद उम्मीद हो उठी थी कि पार्वती बहुत जल्दी कुछ और हिंदी फिल्मों में नजर आएंगी।
लेकिन पार्वती ने हिंदी फिल्मों को प्रमुखता न देते हुए कूडे (2018), ‘हालात लवस्टोरी’ (2020) ‘अर्ककारियम’ (2021), ‘वंडर मूमेन’ (2022) और ‘थंगलान’ (2024) जैसी मलयालम और तमिल फिल्मों को प्रमुखता दी।
इसी बीच पार्वती फिल्म ‘कड़क सिंह’ (2023) में मिस मिमी खन्ना के किरदार में नजर आईं लेकिन लगता है कि हिंदी फिल्में उनकी प्राथमिकता पर नहीं है।