अब ऑनलाइन ऑर्डर पर खाना मंगाना होगा महंगा

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नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) त्योहारी सीजन से पहले जोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन द्वारा मंच शुल्क में की गई बढ़ोतरी से देशभर के लाखों लोगों के लिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना महंगा हो जाएगा। 22 सितंबर से डिलिवरी शुल्क पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगने के कारण यह और भी बढ़ सकता है।

स्विगी ने चुनिंदा बाजारों में अपना प्लेटफॉर्म या मंच शुल्क जीएसटी सहित 15 रुपये कर दिया है। प्रतिद्वंद्वी जोमैटो ने अपना शुल्क बढ़ाकर 12.50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) कर दिया है, जबकि तीसरी सबसे बड़ी खाने की डिलिवरी करने वाली कंपनी मैजिकपिन ने भी व्यापक उद्योग रुझानों के अनुरूप, अपना मंच शुल्क संशोधित करके 10 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है।

माना जा रहा है कि 22 सितंबर से डिलिवरी शुल्क पर लगाए जाने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी के कारण जोमैटो उपयोगकर्ताओं के लिए प्रति ऑर्डर लगभग दो रुपये और स्विगी ग्राहकों के लिए 2.6 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पीटीआई-भाषा द्वारा स्विगी और जोमैटो को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।

मैजिकपिन के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी पहले से ही अपने भोजन वितरण लागत पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रही है।

प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘‘जीएसटी में हालिया बदलाव हमारी लागत संरचना को प्रभावित नहीं करती हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं पर जीएसटी वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारा मंच शुल्क 10 रुपये प्रति ऑर्डर ही रहेगा, जो प्रमुख खाद्य वितरण कंपनियों में सबसे कम है।’’

हाल के दिनों में मंच शुल्क खाद्य वितरण कंपनियों के लिए राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत बनकर उभरा है।

जोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन द्वारा एक साथ की गई बढ़ोतरी भारत के खाद्य वितरण क्षेत्र में बढ़ती लागत के बढ़ते रुझान को रेखांकित करती है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या लाखों ग्राहकों के लिए सामर्थ्य और सुविधा अब भी साथ-साथ चल सकती है।

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