मुंबई, 10 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण मुद्दे पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता ने यह टिप्पणी कैबिनेट उपसमिति की पहली बैठक में भाग लेने के बाद की। इस समिति का गठन पिछले हफ्ते ओबीसी के लिए कल्याणकारी योजनाओं को तेज़ी से लागू करने और आरक्षण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए किया गया था। समिति की अध्यक्षता मंत्री एवं भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले कर रहे हैं।
राज्य के सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग द्वारा ‘हैदराबाद गजटियर’ को लागू करने के संबंध में शासकीय आदेश (जीआर) जारी करने के बाद ओबीसी समुदाय में असंतोष की स्थिति पैदा हो गई है। इस आदेश के अनुसार, मराठा समुदाय के पात्र सदस्य कुनबी जाति प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे।
मुंडे ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हमेशा राज्य में ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा करने वाले फैसले लिये हैं। हमने महाराष्ट्र में ओबीसी की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। ओबीसी की किसी भी चिंता को नजरअंदाज़ नहीं किया जाएगा।’’
उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 350 जातियां ओबीसी के रूप में वर्गीकृत हैं।
मंत्री ने बताया कि बैठक के दौरान समुदाय के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ से संबंधित कार्यक्रमों और धन आवंटन जैसी विभिन्न योजनाओं पर चर्चा हुई।
बैठक में मंत्री छगन भुजबल, संजय राठौड़, अतुल सावे, दत्तात्रेय भरने और गुलाबराव पाटिल भी उपस्थित थे।
ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने के बाद इस समिति का गठन किया गया था।