लिवरपूल, 12 सितंबर (भाषा) जैस्मिन लाम्बोरिया ने फाइनल में जगह बनाई, जबकि मीनाक्षी ने सेमीफाइनल में पहुंचकर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत के लिए चौथा पदक पक्का किया।
पुरुषों का अभियान हालांकि बिना किसी पदक के समाप्त हुआ।
जेस्मिन ने 57 किग्रा सेमीफाइनल में वेनेजुएला की ओमाइलिन अल्काला को 5-0 से हराकर शानदार प्रदर्शन किया।
विश्व कप की स्वर्ण पदक विजेता जैस्मीन को ज़्यादा परेशानी नहीं हुई क्योंकि उन्होंने लंबी दूरी से मुकाबले को नियंत्रित किया। उन्होंने ते और सटीक जैब और हुक लगाए, जिनका उनकी प्रतिद्वंद्वी के पास कोई जवाब नहीं था।
वह फाइनल में पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता जूलिया सेरेमेटा से भिड़ेंगी।
इससे पहले मीनाक्षी ने सेमीफाइनल में प्रवेश करके भारत के लिए चौथा पदक पक्का कर दिया जबकि जादूमणि सिंह मंदेंगबाम के क्वार्टर फाइनल में हारने से पुरुष मुक्केबाज 12 साल में पहली बार खाली हाथ लौंटेंगे।
गैर ओलंपिक 48 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही लंबी कद-काठी की मीनाक्षी ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड की अंडर-19 विश्व चैंपियन एलिस पंफ्री को सर्वसम्मत फैसले में हराया।
मीनाक्षी ने अपनी लंबी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अपनी प्रतिद्वंदी पर करारे मुक्के से लगातार दबाव डाला। उन्होंने पंफ्री को अपने पास पहुंचने का मौका ही नहीं दिया। ।
इस जीत के साथ ही मीनाक्षी ने कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया और अब सेमीफाइनल में उनका सामना 2023 की रजत पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सैखानी अल्तांत्सेत्सेग से होगा।
जैस्मिन , पूजा रानी (80 किग्रा), नुपूर (80 से अधिक किग्रा) और मीनाक्षी ने भारत के लिए चार पदक पक्के कर दिये है।
वहीं जादूमणि सिंह ने पुरुषों के 50 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन कजाखस्तान के संझार ताशकेनबे को कड़ी टक्कर दी लेकिन 0-4 के विभाजित फैसले से हारकर बाहर हो गए।
उनके बाहर होने के साथ भारत की 10 सदस्यीय पुरुष टीम 2013 के चरण के बाद पहली बार बिना पदक के लौटेगी जबकि 2023 में ताशकंद में दल का प्रदर्शन शानदार रहा था जिसमें दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने देश को तीन कांस्य पदक दिलाए थे।