
अपने करियर में कई तरह के किरदार निभा चुके एक्टर मनोज बाजपेयी, बॉलीवुड के मोस्ट टैलेंटेड और और वर्सेटाइल एक्टर्स में से एक हैं। ‘द फैमिली मैन’ (2019) ‘फर्जी’ (2023) और ‘किलर सूप’ (2024) जैसी वेब सीरीज के बाद तो उन्होंने ओटीटी पर भी अपनी धाक जमा ली है।
पिछली बार मनोज बाजपेयी जी5 पर पर ऑन स्ट्रीम हुई कुख्यात 2जी स्पेक्ट्रम मामले के इर्द-गिर्द घूमती थ्रिलर फिल्म ‘डिस्पैच’ (2024) में एक क्रिमिनल जर्नलिस्ट जॉय बैग के किरदार में 8 हजार करोड़ के स्कैम की परतें खोलते नजर आए थे।
साल 1998 में फिल्म ‘सत्या’ में भीखू म्हात्रे के किरदार लिए मनोज बाजपेयी को पहली बार नेशनल अवॉर्ड मिला था। फिर साल 2004 में ‘पिंजर’ के लिए दूसरा और फिर साल 2020 में ‘भोंसले’ के लिए तीसरा नेशनल अवॉर्ड मिला। पिछले साल ‘गुलमोहर’ के लिए उन्हें चौथी बार नेशनल अवॉर्ड मिला।
फिल्म ‘ बैंडिट क्वीन’ (1994) से एक्टिंग करियर शुरू करने के बाद मनोज बाजपेयी अपने तीन दशक से अधिक के करियर में न जाने कितनी ही फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवा चुके है।
मनोज बाजपेयी ने पिछले साल फिल्म ‘भैया जी’ (2024) के जरिए बतौर निर्माता डेब्यू किया। उनके साथ उनकी पत्नी नेहा भी फिल्म की को-प्रोडयूसर थीं लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं रही।
मनोज बाजपेयी ने, हिंदी फिल्म एक्ट्रेस नेहा के साथ शादी की थी जो अब शोर्ट फिल्मों के जरिये वापसी कर रही हैं। मनोज और नेहा के 7 साल की एक बच्ची है, जो मनोज व्दारा बनायी जाने वाली, शॉर्ट फिल्म में नजर आएंगी।
मनोज बाजपेयी ने कभी भी बॉक्स ऑफिस की कमाई को महत्व नहीं देते हुए अपना हर किरदार, हमेशा पूरी शिद्दत के साथ निभाया।
शुरू से मनोज बाजपेयी दमदार कंटेंट वाली फिल्में करते रहे लेकिन पिछले काफी सालों से, वो सिर्फ सामाजिक सरोकार वाली फिल्में ही कर रहे हैं। इंडिपेंडेंट सिनेमा हमेशा उनके कैरियर का मुख्य हिस्सा रहा है। वह अपने किरदारों के साथ लगातार प्रयोग कर रहे हैं।
मनोज बाजपेयी ने तीन बार एनएसडी के लिए ट्राई किया लेकिन नाकाम रहे। फिल्म प्रोडक्शन में कदम रखने के बाद अब मनोज बाजपेयी डायरेक्शन में भी आना चाहते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि अभी इसका सही वक्त नहीं आया है लेकिन उनका कहना है कि एक न एक दिन वह डायरेक्शन में अवश्य आयेंगे।
फिल्म ‘गुलमोहर’ (2023) के प्रमोशन के दौरान जब मनोज बाजपेयी से पूछा गया कि क्या वह खुद को एक स्टार की तरह महसूस करते हैं ? तब उन्होंने कहा कि ’हर रविवार को अमिताभ बच्चन के घर के बाहर भारी भीड़ जमा हो जाती है।’
‘शाहरूख भी बरसों से, लगभग हर हफ्ते ’मन्नत’ के बाहर अपने फैंस का ग्रेटिटयूड कर रहे हैं। सलमान खान अपने जन्मदिन और खास मौकों पर गैलेक्सी अपार्टमेंट की बालकनी में अपने फैंस को दर्शन देते रहे हैं’ लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं है।’
’मेरे इर्द गिर्द इन स्टार्स की तरह आभामंडल तो नही है फिर भी ’ऑडियंस मेरे काम की वजह से मेरा सम्मान करती है। वह कहते हैं कि ’शाहरूख और सलमान के लिए ऑडियंस का जिस तरह का रिएक्शन होता है, उससे काफी अलग उनके लिए उनके चाहने वालों का प्रदर्शन होता है’। हम अपने दर्शकों को बहुत अलग तरह से देखते हैं और उसी मुताबिक हमें रिएक्शन मिलता है’।