एससीओ राजनीतिक, आर्थिक मंच से कहीं अधिक, सांस्कृतिक समझ को गहरा करने का भी मंच: कीर्तिवर्धन सिंह

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नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक राजनीतिक और आर्थिक मंच से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि एससीओ “सांस्कृतिक समझ को गहरा करने” और लोगों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने का भी एक मंच है।

सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित द्वितीय एससीओ युवा लेखक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में यह भी कहा कि दो-दिवसीय सम्मेलन के दौरान व्यक्त किये गये विभिन्न प्रकार के विचार ‘‘एससीओ क्षेत्र को और अधिक जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने में योगदान देंगे’’।

इस कार्यक्रम में इस संगठन के सदस्य देशों के लेखकों और अन्य प्रतिनिधियों के अलावा, रूस और पाकिस्तान सहित विभिन्न देशों के दूतावासों में तैनात कई राजनयिक भी शामिल हुए।

एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा की गई थी। वर्ष 2017 में भारत के साथ पाकिस्तान भी इसका स्थायी सदस्य बन गया।

भारत, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं, जिसमें दो दिनों तक कई विषयगत सत्र होंगे और अनेक वक्ता अपने विचार व्यक्त करेंगे।

सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “आज यहां आपकी उपस्थिति सहयोग की स्थायी भावना और साझा दृष्टिकोण का प्रमाण है, जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मूल में निहित है।”

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन मंत्रालयों और अन्य भागीदारों के बीच “सहयोगी भावना” का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत, अन्य भागीदारों के साथ इस कार्यक्रम के सह-मेजबान हैं।

उन्होंने कहा कि एससीओ एक राजनीतिक और आर्थिक मंच से कहीं अधिक है, “यह सांस्कृतिक समझ को गहरा करने और लोगों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने का भी एक मंच है”।

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