हैदराबाद, 16 सितंबर (भाषा) केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि खान मंत्रालय के तहत संयुक्त उद्यम खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) विदेशों में खनिज संपत्तियों का अधिग्रहण कर चुकी है और वह जाम्बिया तथा चिली सहित कई अन्य देशों के साथ संपत्ति अधिग्रहण के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है।
महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की नीलामी के छठे चरण की शुरूआत और उत्कृष्टता केंद्रों पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि 2030 तक पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी और नवीकरणीय ऊर्जा की मांग लगभग तीन गुना बढ़ जाएगी। इसे देखते हुए, भारत को एक मजबूत शोध और विकास प्रणाली की जरूरत है, जो देश की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करे।
उन्होंने आगे कहा कि देश ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के सात मुख्य लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लगभग चार अरब अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं, जबकि अमेरिका ने अपने देश में इसी क्षेत्र के विकास के लिए केवल एक अरब अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं।
रेड्डी ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों का अधिग्रहण कर रहे हैं। खान मंत्रालय के तहत काम करने वाली हमारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी काबिल ने अर्जेंटीना में लिथियम ब्लॉक का अधिग्रहण कर लिया है और जाम्बिया, चिली जैसे कई अन्य देशों के साथ सक्रिय रूप बातचीत कर रही है। इसके अलावा, हम जापान, पेरू, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि भारत के महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की पुनर्चक्रण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक वित्तीय प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, केंद्र ने हाल ही में एमएमडीआर अधिनियम 2025 के माध्यम से सुधारों का अगला चरण शुरू किया है।
कोयला मंत्री ने कहा कि केंद्र ने पारदर्शी व्यापार को सक्षम करने के लिए कोयला और खनिज एक्सचेंजों की स्थापना की है और लिथियम, कोबाल्ट और निकेल जैसे गहरे खनिजों के खनन की सुविधाएं स्थापित की हैं।
महत्वपूर्ण खनिजों के विकास के लिए उठाए गए कदमों को गिनाते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार विदेशों में खदानों के अधिग्रहण के लिए वित्तीय सहायता देने को तैयार है।