पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत जल्द 50 लाख ‘रूफटॉप सोलर’ के आंकड़े पर पहुंचेंगे : जोशी

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नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत देश भर में 20 लाख से ज़्यादा घरों में रूफटॉप सोलर प्रणाली (छत पर सौर बिजली परियोजना) लगाई जा चुकी हैं और बहुत जल्द इसमें 30 लाख की संख्या और जुड़ जाएगी।

हालांकि, मंत्री ने देश भर में इस योजना के तहत एक करोड़ लाभार्थियों के लिए रूफटॉप सोलर उपकरण लगाने के लक्ष्य का आधा हिस्सा हासिल करने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा नहीं बताई।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री-कुसुम योजनाओं की राज्यों की समीक्षा बैठक के उद्घाटन को संबोधित करते हुए, जोशी ने कहा, ‘‘अब 20 लाख (घरों) में रूफटॉप लगाने का काम पूरा हो गया है और बहुत जल्द हम 30 लाख और जोड़ेंगे। कुल मिलाकर, हमारा लक्ष्य (योजना के तहत) एक करोड़ घरों का है।’’ मंत्री ने बताया कि उन्होंने उन सभी लोगों के लिए एक उपयोगिता-आधारित मॉडल को मंज़ूरी दे दी है जिनके सिर पर छत नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘कुछ राज्यों ने इसे (रूफटॉप सोलर लगाने) बहुत तेजी से करने की योजना बनाई है। आंध्र प्रदेश भी ऐसा ही एक राज्य है। मुख्यमंत्री ने मुझसे मुलाकात की थी और मुझे प्रस्तुतीकरण दिया था। कुछ राज्यों ने हमें इस उपयोगिता-आधारित मॉडल को लागू करने की मांग भेजी थी। हमने इसे मंजूरी दे दी है।’’

उन्होंने कहा कि यह योजना मांग-आधारित है और लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे।

उन्होंने राज्यों से दोनों योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए सक्रिय रहने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत, हम पहले ही देख चुके हैं कि लगभग आधे लाभार्थियों को शून्य बिजली बिल मिल रहे हैं। यह दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करते हुए नागरिकों को सार्थक राहत प्रदान करने के एक मॉडल को दर्शाता है। मैं सभी राज्यों से ऐसे तरीकों को अपनाने और सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का आग्रह करता हूं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न योजनाओं, ग्रिड कनेक्टिविटी और लाइसेंस में अनुपालन संबंधी समस्याएं हैं और राज्यों को और अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है।

उन्होंने … 2030 तक 550 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य के बारे में कहा, ‘‘हमने लगभग 251.5 गीगावाट स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल कर ली है। हमें अगले पांच वर्षों में 248 गीगावाट और हासिल करने की आवश्यकता है। यह एक चुनौती भी है और अवसर भी। इसीलिए मैंने सभी राज्य एजेंसियों की एक बैठक बुलाई है।’’ उन्होंने बताया कि आज भारत में 100 गीगावाट मॉड्यूल निर्माण क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और 12,600 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।

उन्होंने कहा, ‘‘2028 तक स्वदेशी सौर सेल प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित करने के बाद, अब हम स्वदेशी ‘वेफर्स’ और स्वदेशी ‘इनगोट्स’ की ओर भी बढ़ रहे हैं। इससे हमें भारत में ही संपूर्ण सौर मूल्य श्रृंखला बनाने में मदद मिलेगी।’’

पीएम-कुसुम 2.0 योजना के बारे में उन्होंने कहा कि मंत्रालय को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी लेनी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम पीएम कुसुम योजना के दूसरे चरण पर पहले से ही काम कर रहे हैं, जिसे वर्तमान चरण की अवधि समाप्त होने के बाद मार्च, 2026 में शुरू किया जाएगा।’’

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