इस दिवाली पर ‘स्वदेशी’ थीम से सजेंगे जयपुर के बाजार

0
ZAsdwr4efds

जयपुर, 28 सितंबर (भाषा) जयपुर का विख्यात दीवाली उत्सव इस बार ‘वोकल फॉर लोकल’ का संदेश देगा। इसके साथ ही गुलाबी नगरी के प्रमुख बाजारों ने इस साल दिवाली पर सजावट के लिए ‘स्वदेशी थीम’ अपनाने का फैसला किया है।

विभिन्न व्यापार संघों का कहना है कि उनकी इस पहल का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के अनुरूप स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और आयातित सजावटी सामान के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना है।

उल्लेखनीय है कि जयपुर शहर की दिवाली की सजावट विश्वविख्यात है और दुनिया भर से पर्यटक इस मौके पर परकोटे वाले पारंपरिक बाजारों की सजावट देखने के लिए आते हैं। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि इस बार सजावट में स्थानीय स्तर पर बने दीयों, बल्बों और सजावटी वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया जाएगा।

जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा, ”डेढ़ लाख से ज्यादा व्यापारी इस बार स्वदेशी अपनाने का संदेश देने के लिए साथ आएंगे। जिस तरह रक्षाबंधन पर हमने सिर्फ स्वदेशी राखियों को बढ़ावा दिया, उसी तरह दीवाली भी भारतीय उत्पादों से ही मनाई जाएगी।”

संघ के महासचिव सुरेश सैनी ने कहा कि कुम्हार समुदाय और गौशालाओं द्वारा तैयार किए गए दीये एक लाख से ज्यादा दुकानों में बांटे जाएंगे, जिससे कारीगरों और कम आय वाले परिवारों को आजीविका के अवसर मिलेंगे।

व्यापारियों ने रोशनी के इस पर्व के सामाजिक समरसता वाले पहलू पर भी जोर दिया है, जहां एमआई रोड बाजार के हिंदू और मुस्लिम समाज के दुकानदार त्योहार मिलकर मनाएंगे।

जयंती बाजार में सजावटी सामान दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु से मंगवाए जा रहे हैं, जबकि बल्ब और ट्यूबलाइट जयपुर में ही बनाए जा रहे हैं। कारोबारी नेता सचिन गुप्ता ने कहा, ”यह पहल न केवल शहर को रोशन करेगी, बल्कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ अभियान को भी प्रतिध्वनित करेगी।”

किशनपोल बाजार में स्थानीय व्यापार संघ के अध्यक्ष मनीष खुंटेटा ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा, ”भारतीय उत्पाद विदेशी उत्पादों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। जितने ज्यादा लोग स्वदेशी अपनाएंगे, हमारी अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत होगी।”

हालांकि व्यापारी मानते हैं कि सोना-चांदी जैसे कुछ कच्चे माल का अब भी आयात करना पड़ता है लेकिन ज्यादातर विनिर्माण व शिल्पकारी भारत में ही होती है।

उन्होंने कहा कि स्वदेशी थीम वाली दीवाली न केवल जयपुर को रोशन करेगी, बल्कि भारत के पारंपरिक कौशल का प्रदर्शन भी करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *