नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि आयुर्वेद मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की बेहतरी दोनों के लिए एक टिकाऊ एवं समग्र वैश्विक स्वास्थ्य समाधान है।
उन्होंने 23 सितंबर को गोवा में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में मनाये जाने वाले 10वें आयुर्वेद दिवस की मुख्य पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि आयुर्वेद में एक समग्र, वैज्ञानिक और पर्यावरण अनुकूल स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा विज्ञान नहीं है, बल्कि यह एक जीवन जीने का तरीका है जो व्यक्ति का उसके परिवेश के साथ सामंजस्य बिठाता है।
आयुष पर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के पहले अखिल भारतीय सर्वेक्षण का हवाला देते हुए, जाधव ने कहा कि ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में आयुर्वेद को व्यापक स्वीकृति मिली है और यह अब भी सबसे अधिक प्रचलित उपचार पद्धति है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस साल का ध्येयवाक्य -‘लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद’ – वैश्विक स्वास्थ्य और पर्यावरण की बेहतरी के लिए एक टिकाऊ, समग्र समाधान के रूप में आयुर्वेद को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मंत्री ने आयुर्वेद दिवस 2025 के अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा लोगों के हित में कई नयी योजनाओं की भी घोषणा की। इनमें विद्यार्थियों के लिए ‘कल्याण हेतु छोटे कदम’ जैसे जागरूकता अभियान, झूठे विज्ञापनों का मुकाबला करने के लिए ‘लीड द मिसलीड’, मोटापे के लिए ‘आयुर्वेद आहार’ और पौधों और पशु चिकित्सा के लिए आयुर्वेद पर कार्यक्रम शामिल हैं।