एच-1बी वीजा शुल्क वृद्धि, व्यापार वार्ता, जीएसटी कटोती जैसे कारक तय करेंगे बाजार की दिशा

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नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) अमेरिका के एच-1बी वीजा के शुल्क को बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने, व्यापार वार्ता और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती से इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजार की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

इसके अलावा, निवेशक वैश्विक बाजारों के रुझान पर भी नजर रखेंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह, बाजार शुक्रवार देर रात घोषित एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने के अमेरिकी फैसले पर प्रतिक्रिया देंगे। जबकि निर्यात पर निर्भर क्षेत्र पहले से ही शुल्क से संबंधित दबाव का सामना कर रहे हैं। व्यापार वार्ता चल रही है। ऐसे में इस संवेदनशील समय में यह कदम आईटी सेवा निर्यातकों पर और दबाव डाल सकता है।’’

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर निवेशक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखेंगे। भारत के 285 अरब डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए अपने सबसे बड़े आउटसोर्सिंग बाजार में मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि अमेरिका ने एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क को 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) तक बढ़ाने का फैसला किया है। आईटी कंपनियों के शीर्ष निकाय नासकॉम ने चेतावनी दी है कि इससे ‘ऑनशोर’ परियोजना के लिए कारोबार की निरंतरता बाधित होगी। ऑनशोर परियोजना में संबंधित कंपनी के मुख्य परिचालन वाले क्षेत्र में रहकर सेवाएं देनी होती हैं।

उल्लेखनीय है कि एच-1बी वीजा धारकों में 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवर हैं।

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा, ‘‘यह कदम (एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क को 100,000 डॉलर तक बढ़ाने का अमेरिकी फैसला) अमेरिकी ग्राहकों की लागत में भारी वृद्धि कर सकता है और भारतीय प्रौद्योगिकी प्रतिभा की मांग कम कर सकता है, जिससे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस और विप्रो जैसे बड़े आईटी निर्यातकों की आय पर सीधा असर पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कारोबारी रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी नजर रखेंगे, जो भारतीय शेयर बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण है।

शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका जाएंगे। इसमें कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल आपसी लाभकारी व्यापार समझौते पर जल्द से जल्द सहमति बनाने के लिए अमेरिकी टीम के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत करेगा। 16 सितंबर को भारत आए अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों की टीम की पिछली यात्रा के दौरान, व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई और इस संबंध में प्रयासों को और तेज करने का फैसला किया गया।

लगभग 375 वस्तुओं पर कम जीएसटी दरें लागू होने से सोमवार से रसोई के जरूरी सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और उपकरण से लेकर वाहनों तक की कीमतें सस्ती हो जाएंगी।

उपभोक्ताओं के लिए यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर (नवरात्रि के पहले दिन) से वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरें कम करने का फैसला किया है।

बाजार विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे। एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 390.74 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर खरीदे।

वैश्विक स्तर पर, अब ध्यान मुख्य रूप से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), विनिर्माण और सेवा पीएमआई और पीसीई मूल्य सूचकांक जैसे प्रमुख अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर रहेगा।

पीएल कैपिटल के परामर्श प्रमुख विक्रम कसाट ने कहा, ‘‘जब भारत त्योहारों के मौसम में प्रवेश कर रहा है, तो सभी की नजर इस बात पर है कि बाजार हालिया जीएसटी दरों में कटौती, उपभोक्ता मांग के बदलते रुझान और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया को कैसे देखते हैं, जिसने वैश्विक अस्थिरता के बावजूद प्राथमिक बाजार की गतिविधियों को मजबूत बनाए रखा है।’’

पिछले सप्ताह, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 721.53 अंक या 0.88 प्रतिशत और निफ्टी 213.05 अंक या 0.84 प्रतिशत के लाभ में रहा।

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