नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) ऑटो उद्योग में एसयूवी की लोकप्रियता बढ़ने के बावजूद हैचबैक अपनी बाजार प्रासंगिकता बनाए रखेंगे। जीएसटी सुधारों के बाद शुरुआती स्तर की छोटी कारों के भविष्य को लेकर चल रही बहस के बीच फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने यह बात कही।
देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को जीएसटी दर में कमी के बाद इस खंड में लगभग 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। गौरतलब है कि छोटी कार खंड में मारुति सुजुकी की दबदबा है।
हुंदै मोटर इंडिया का मानना है कि उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव के कारण हैचबैक की कीमत पर एक्सटर और पंच जैसी माइक्रो एसयूवी की बिक्री बढ़ेंगी।
फाडा के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”उद्योग में एसयूवी का प्रभाव पूरी दुनिया में बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए नहीं है कि भारत में सड़कें खराब हैं।”
उन्होंने कहा कि एसयूवी आराम, स्टाइल और सुरक्षा का वादा करती है, जबकि हैचबैक का अपना अलग स्थान होगा क्योंकि कुछ लोग अभी भी हैचबैक चाहते हैं।
विग्नेश्वर इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि ऑटो डीलर शुरुआती स्तर की छोटी कारों के भविष्य को कैसे देखते है। इनकी बिक्री में पिछले कुछ वर्षों से गिरावट आ रही थी, हालांकि जीएसटी दरों में कटौती के बाद ये गाड़ियां सस्ती हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि छोटी कारों के खरीदार लगातार बने हुए हैं, और विनिर्माता इस खंड में कई उत्पाद पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हैचबैक रहेंगी और एसयूवी भी रहेंगी, हालांकि सेडान बाजार पर दबाव बढ़ रहा है।
हैचबैक, सेडान और एसयूवी के बीच मुख्य अंतर उनके आकार, डिजाइन, कार्यक्षमता और उपयोग को लेकर है।
हैचबैक कॉम्पैक्ट और छोटी होती है। इसे शहर की भीड़भाड़ और रोजमर्रा की ड्राइविंग के लिए बेहतर माना जाता है। इसकी ईंधन दक्षता भी बेहतर होती है। सेडान तीन बॉक्स बॉडी पर बनी होती हैं, जहां इंजन, यात्रियों के बैठने का हिस्सा और एक अलग ट्रंक स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। ये हैचबैक से अधिक आरामदायक होती है।
एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) हैचबैक और सेडान की तुलना में बड़ी और ऊंची होती हैं, जिनमें ज्यादा ग्राउंड क्लीयरेंस होता है।