नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने कहा है कि सरकार की अगुवाई में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण आने वाले वर्षों में देश में इस्पात की मांग दहाई अंक में बढ़ती रहेगी।
वर्मा ने आईएसए इस्पात सम्मेलन-2025 में कहा कि सरकार के उपायों से देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है, जिससे स्टील की खपत में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में, इस्पात की मांग दहाई अंक में बढ़ रही है और इसमें तेजी बनी रहेगी। सरकार ने 2030 तक 30 करोड़ टन इस्पात बनाने की क्षमता का लक्ष्य रखा है।
इस्पात उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन, मेक इन इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रम इस्पात की मांग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा रहे हैं और घरेलू इस्पात खपत को बढ़ावा दे रहे हैं।’’
भारी उद्योग राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे वर्मा ने कहा कि इस्पात उद्योग के लिए कुछ प्राथमिकताएं हैं। इसमें कार्बन उत्सर्जन कम करना और हरित इस्पात मिशन को आगे बढ़ाना, इस क्षेत्र की दीर्घकालिक मजबूती और प्रतिस्पर्धी क्षमता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाना, कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना शमिल हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में, देश में इस्पात की खपत 15 करोड़ टन थी।
बाजार शोध कंपनी बिगमिंट के अनुसार, भारत की इस्पात मांग लगभग आठ से 10 प्रतिशत की संचयी दर से बढ़ रही है।