न्यायालय ने सीएक्यूएम, सीपीसीबी को वायु प्रदूषण से निपटने की योजना तीन सप्ताह में पेश करने को कहा

0
frgt554es

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को बुधवार को निर्देश दिया कि वे सर्दियों की शुरुआत से पहले वायु प्रदूषण को रोकने के उपायों का ब्यौरा तीन सप्ताह के भीतर तैयार करें।

सर्दियों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है।

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में खाली पदों को लेकर राज्यों पर नाखुशी जाहिर की और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब को तीन माह के भीतर इन्हें भरने का आदेश दिया।

पीठ ने सीएक्यूएम और सीपीसीबी को भी इसी तरह के निर्देश दिए।

हालांकि, इसने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग में पदोन्नति वाले पदों को भरने के लिए छह माह का समय दिया।

सीएक्यूएम केंद्र द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय है और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उसके आसपास के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता का प्रबंधन और सुधार करना है जो राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में आते हैं।

पीठ इन प्राधिकरणों में रिक्त पदों को भरने से संबंधित एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को होगी।

न्यायालय ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में लंबित रिक्तियों को भरने में विफल रहने पर राज्यों पर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि प्रदूषण के चरम मौसम में अपर्याप्त मानव संसाधन पर्यावरणीय संकट को और बढ़ा देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *