नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने पांच उच्च न्यायालयों में नई नियुक्तियों और न्यायाधीशों को स्थायी किए जाने को मंजूरी दे दी है, जिससे अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों, दोनों की पदोन्नति को मंजूरी मिल गई है।
तीन सदस्यीय कॉलेजियम में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ भी शामिल हैं, जिसने सोमवार को हुई एक बैठक में नियुक्तियों और कुछ न्यायाधीशों को स्थायी करने की सिफारिश करते हुए पांच अलग-अलग प्रस्ताव पारित किए।
कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं – जिया लाल भारद्वाज और रोमेश वर्मा – को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने को मंजूरी दी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के लिए, तीन न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति को मंजूरी दी गई। इनमें गीता के. भरतराज शेट्टी, मुरलीधर पाई बोरकट्टे और त्यागराज नारायण इनावली हैं।
कॉलेजियम ने वर्तमान में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति कुरुबरहल्ली वेंकटरामारेड्डी अरविंद को भी न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया।
त्रिपुरा उच्च न्यायालय में, कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बिस्वजीत पालित, जो अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे, को स्थायी न्यायाधीश के रूप में मंजूरी प्रदान की।
मद्रास उच्च न्यायालय में कॉलेजियम ने सिफारिश की कि न्यायमूर्ति एन सेंथिलकुमार और न्यायमूर्ति जी अरुल मुरुगन, जो दोनों अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं, को न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाया जाए।