कड़ी निगरानी में आयोजित हो रही सैन्य परेड में शक्ति प्रदर्शन करेगा चीन

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बीजिंग, दो सितंबर (एपी) चीन की राजधानी बीजिंग में बुधवार को होने वाली भव्य सैन्य परेड में देश के मिसाइल, लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य उपकरण पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे।

परेड में सैनिक राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सामने कदम-से-कदम मिलाकर मार्च करेंगे। शी चिनफिंग लंबे समय से सत्ता पर काबिज कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेना के भी मुखिया हैं।

शी द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित होने वाली इस परेड में भाषण देंगे। परेड में 24 से अधिक विदेशी नेता शामिल होंगे, जो बीजिंग सरकार के साथ संबंध बनाए रखने या सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

परेड में कई हथियार पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाए जाएंगे।

चीनी सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि परेड में हथियारों और उपकरणों का बड़ा जखीरा पहली बार जनता के सामने पेश किया जा रहा है। इनमें जमीन, समुद्र और वायु से छोड़े जाने वाले रणनीतिक हथियार, उन्नत सटीक युद्ध उपकरण और ड्रोन शामिल हैं। युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर आकाश में बेड़े के रूप में उड़ान भरेंगे।

यह चीन में 2019 के बाद पहली प्रमुख सैन्य परेड है, जब साम्यवादी चीन की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाई गई थी। इस बार की परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। द्वितीय विश्व युद्ध ने चीन को तबाह कर दिया था।

इस परेड का उद्देश्य जनता में गर्व की भावना भरना और उन्हें आश्वस्त करना है कि देश किसी भी हमले को रोकने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है। लेकिन चीन की बढ़ती सैन्य ताकत उसके एशियाई पड़ोसियों और अमेरिका के लिए चिंता का विषय भी है।

जापान, भारत और दक्षिण कोरिया के नेताओं के साथ ही अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं।

उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति समेत कई विदेशी नेता इसमें भाग ले रहे हैं।

कई दक्षिण-पूर्व एशियाई नेता भी परेड में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। हालांकि, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने अपने देश में हो रहे प्रदर्शनों के कारण यात्रा रद्द कर दी।

यह कार्यक्रम अत्यधिक योजनाबद्ध तरीके से और कड़ी निगरानी में आयोजित किया जा रहा है। यह ऐसी परेड नहीं है जिसे देखने के लिए आम जनता सड़कों के किनारे इकट्ठा हो सके।

आम जनता के प्रवेश को रोकने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं और परेड मार्ग के साथ स्थित व्यावसायिक इमारतों को खाली कर दिया गया है और परेड समाप्त होने तक बंद रखा गया है।

ज्यादातर लोग इसे टेलीविजन या सजीव प्रसारण के जरिए ही देख सकते हैं।