बाढ़ग्रस्त पंजाब के लिए केंद्र की वित्तीय सहायता ‘बेहद कम’ है : चीमा

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चंडीगढ़, 10 सितंबर (भाषा) पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित राज्य के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को ‘‘बेहद कम’’ बताया।

मोदी ने मंगलवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया जो 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। उन्होंने पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के अलावा बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए लोगों के निकटतम परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर में समीक्षा बैठक की।

चीमा ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने प्रधानमंत्री से कहा था कि 1,600 करोड़ रुपये ‘‘बहुत कम’’ राशि है और उन्होंने राज्य के लिए अंतरिम राहत के रूप में 20,000 करोड़ रुपये की मांग की थी।

मुंडियां भी गुरदासपुर में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक का हिस्सा थे।

चीमा ने आरोप लगाया, ‘‘फिर प्रधानमंत्री ने उनसे (मुंडियां) कहा, ‘क्या आपको हिंदी समझ नहीं आती। आपको समझ नहीं आता, 1,600 करोड़ रुपये दे दिए।’’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री ने हमारी मातृभाषा पंजाबी, पंजाब के लोगों और पंजाबियत का अपमान किया है।’’

प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए चीमा ने कहा कि मोदी ने पंजाब में आई बाढ़ के लगभग 30 दिन बाद राज्य का दौरा किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि अपने दौरे पर मोदी ने उन प्रभावित लोगों का हाथ थामने की ज़हमत नहीं उठाई जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया, जिनकी फ़सलें और घर बर्बाद हो गए।

चीमा ने कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) 1,600 करोड़ रुपये की मामूली राशि की घोषणा की। यह ‘ऊँट के मुँह में जीरा’ जैसा है।’’

चीमा ने आरोप लगाया कि उन्होंने बाढ़ में अपनों को खोने वालों के आंसू नहीं पोंछे।

वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने पंजाब की निर्वाचित सरकार की ‘‘अनदेखी’’ की और गुरदासपुर में ‘‘भाजपा के लोगों’’ से मिलना ‘‘पसंद’’ किया।

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