नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार को बम की धमकी वाला ई-मेल प्राप्त होने के बाद न्यायाधीशों और पक्षकारों को अदालत कक्षों से बाहर निकालना पड़ा, लेकिन तलाशी के बाद पुलिस ने इसे अफवाह घोषित कर दिया।
अदालत प्रशासन को मिले ई-मेल में उच्च न्यायालय में हमला करने की धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस और अन्य एजेंसियों को तलाशी अभियान शुरू करना पड़ा।
रजिस्ट्रार जनरल को सुबह करीब 8.39 बजे प्राप्त ई-मेल में न्यायाधीशों के कक्षों और अदालत कक्षों में दोपहर के समय विस्फोट की धमकी दी गई थी।
जब न्यायाधीश न्यायिक कार्यवाही में व्यस्त थे, तो अदालत के कर्मचारी आए और उन्हें बम की धमकी वाले ई-मेल के बारे में बताया, जिसके बाद वे अदालत कक्ष से बाहर निकल गए।
कुछ न्यायाधीशों ने पूर्वाह्न 11.35 बजे बाहर जाना शुरू कर दिया, जबकि अन्य न्यायाधीश दोपहर 12 बजे तक अपनी-अपनी अदालतों में काम करते रहे।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा किए गए सुरक्षा उपायों के तहत सभी को इमारत खाली करने के लिए कहा गया।
बाद में, पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) देवेश कुमार महला ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बम की धमकी झूठी निकली।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ईमेल की जांच की है और यह झूठा निकला है। इस धमकी और पिछले कुछ हफ्तों में स्कूलों को मिली बम धमकियों के बीच कोई संबंध नहीं है।’’
सूत्रों के अनुसार, ई-मेल में कहा गया, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय में आज होने वाला विस्फोट पिछली धमकी के संदेह को दूर कर देगा।’’
उन्होंने बताया कि ई-मेल में कहा गया कि न्यायाधीशों के कक्षों/अदालत परिसर में तीन बम रखे गए हैं और सभी को अपराह्न दो बजे तक अदालत परिसर खाली कर देना चाहिए।