ईटानगर, सात सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रविवार को राज्य के अंजॉ जिले में वालोंग के पास ऐतिहासिक हेलमेट पोस्ट युद्ध स्मारक पर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
खांडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि वह वालोंग के पास ऐतिहासिक हेलमेट पोस्ट युद्ध स्मारक पर 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने स्मारक के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्थल एक मार्मिक विरासत को समेटे हुए है।
उन्होंने लिखा, ‘‘हेलमेट पोस्ट नाम अपने आप में एक मार्मिक कहानी समेटे हुए है। दिसंबर 1986 में, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक सैनिक के पार्थिव शरीर के साथ-साथ 24 हेलमेट भी खोज निकाले, जो चौकी पर लगे हुए थे। इस खोज ने शहीद नायकों की उपस्थिति का खुलासा किया और इस स्थल को बड़े बलिदान स्थल के रूप में चिह्नित किया। इसलिए, इस स्थान को हेलमेट पोस्ट के रूप में जाना जाने लगा, जो साहस का एक स्थायी प्रतीक है।’’
खांडू ने छह कुमाऊं रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट बिक्रम सिंह को विशेष श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें ‘‘वालोंग की लड़ाई का गुमनाम नायक’’ बताया।
उन्होंने कहा कि यह स्मारक महज एक संरचना नहीं है, बल्कि ‘‘राष्ट्र के सम्मान की रक्षा करने वाले हमारे सैनिकों के साहस, दृढ़ता और सर्वोच्च बलिदान का जीवंत प्रमाण है।’’
वालोंग की लड़ाई 1962 के युद्ध के सबसे भीषण संघर्षों में से एक थी।
भारतीय सैनिकों द्वारा 22 अक्टूबर से 16 नवंबर 1962 तक लड़ी गई यह लड़ाई विपरीत परिस्थितियों में दिखाई गई उनकी असाधारण वीरता के लिए इतिहास में अंकित है।
कम संख्या में होने के बावजूद, 11वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के सैनिक छह कुमाऊं और चार डोगरा रेजिमेंट सहित अन्य इकाइयों के सहयोग से, अद्वितीय दृढ़ संकल्प के साथ अपनी जमीन पर डटे रहे।
सैन्य इतिहासकार अक्सर वालोंग को 1962 के युद्ध के एक दुर्लभ अध्याय के रूप में याद करते हैं, जहां भारतीय सैनिकों ने न केवल प्रतिरोध किया, बल्कि अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन करते हुए जबरदस्त जवाबी हमले भी किए।
खांडू ने पूर्वोत्तर के सामरिक महत्व और यहां के लोगों की भावना को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘इस सीमा पर दिए गए बलिदान हमें याद दिलाते हैं कि अरुणाचल प्रदेश राष्ट्र की रक्षा में हमेशा पहली पंक्ति में खड़ा रहा है। वालोंग में हमारे सैनिकों का साहस पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी विरासत को गर्व और देशभक्ति के साथ संरक्षित रखें।’’
मुख्यमंत्री ने वालोंग एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) में अरुणाचल स्काउट्स और भारतीय सेना के कर्मियों के साथ बातचीत भी की। उन्होंने राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री दासंगलू पुल के साथ वालोंग स्थित ऐतिहासिक बौद्ध गोंपा का दौरा भी किया।