आंध्र प्रदेश में एल्युमीनियम मिश्र धातु परियोजना व्यावहारिक नहीं : नाल्को रिपोर्ट

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नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) नाल्को और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम मिश्र धातु निगम लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित उच्चस्तरीय एल्युमीनियम मिश्र धातु परियोजना व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक नहीं है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।

करीब 60,000 टन सालाना क्षमता वाली यह प्रस्तावित परियोजना मांग में कमी, भारत में प्रति व्यक्ति कम एल्युमीनियम खपत और वैमानिकी, रक्षा, समुद्री और वाहन जैसे क्षेत्रों में एल्युमीनियम स्थानीयकरण के निचले स्तर के कारण व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।

उत्कर्ष एल्युमीनियम धातु निगम लिमिटेड, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) और मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) का 50:50 अनुपात संयुक्त उद्यम है। इसकी स्थापना अगस्त, 2019 में रक्षा, वैमानिकी और वाहन जैसे क्षेत्रों में उपयोग के लिए एक उच्चस्तरीय एल्युमीनियम मिश्र धातु संयंत्र की स्थापना के लिए की गई थी ताकि ऐसी मिश्र धातुओं के लिए आयात पर निर्भरता कम की जा सके और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जा सके।

नाल्को ने अपनी 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘प्रस्तावित उत्पाद मिश्रण और उसकी वित्तीय व्यवहार्यता के लिए नवीनतम बाजार सर्वेक्षण अध्ययन किया गया। अध्ययन के अनुसार, 60,000 टन सालाना क्षमता वाली प्रस्तावित परियोजना व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।’’

खान और रक्षा, दोनों प्रशासनिक मंत्रालयों ने वर्तमान परियोजना परिदृश्यों की समीक्षा की है और परियोजना को बंद करने के आगे के कदमों पर चर्चा की गई है, और इस संबंध में अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम, मिधानी, सुपर अलॉय, टाइटेनियम और टाइटेनियम मिश्र धातुओं तथा विशेष इस्पात आदि में विशेषज्ञता के साथ मिश्र धातु सामग्री के उत्पादन और आपूर्ति के लिए एकीकृत सुविधाओं में से एक है, जो रणनीतिक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों की आत्मनिर्भरता में योगदान देती है।

मिधानी ने पहले इसरो के साथ मिलकर अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए एल्युमीनियम-लिथियम मिश्र धातु विकसित की थी। अंतर्निहित क्षमताओं के साथ, मिधानी रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए एल्युमीनियम मिश्र धातु सामग्री के निर्माण को सहयोग की तलाश में थी।

प्रस्तावित सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी प्रदाता के चयन सहित इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण प्रबंधन सेवाओं के लिए सलाहकारों की नियुक्ति को पहले आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

निविदा में कहा गया कि संयंत्र की प्रारंभिक क्षमता 60,000 टन प्रति वर्ष फ्लैट रोल्ड उत्पादों की होगी, जिसमें भविष्य में देश की आवश्यकताओं के अनुसार अन्य उत्पादों को शामिल करते हुए विविधता लाने का प्रावधान है।

प्रस्तावित सुविधा के लिए आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में लगभग 110 एकड़ भूमि का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है।

खान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड, ओडिशा के अंगुल में 46 हजार टन प्रति वर्ष एल्युमीनियम स्मेल्टर, 1,200 मेगावाट का एक कैप्टिव बिजली संयंत्र और 40 लाख सालाना क्षमता वाली उत्कल डी एंड ई कोयला खदानों का संचालन करती है।

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