चेन्नई, 16 सितंबर (भाषा) अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी मंगलवार को दिल्ली रवाना हुए। पलानीस्वामी के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करने की संभावना है।
पूर्व मुख्यमंत्री का यह दौरा इन अटकलों के बीच हो रहा है कि अन्नाद्रमुक से निष्कासित सभी लोगों को फिर से पार्टी में शामिल करने की कुछ नेताओं की अपील और पार्टी के आंतरिक संकट ने उन्हें भाजपा नेताओं से मिलने के लिए मजबूर किया है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अन्नाद्रमुक के सभी कार्यकर्ता पलानीस्वामी के पीछे मजबूती से खड़े हैं, जिन्हें उन्होंने अपना महासचिव चुना है।
वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जो लोग पार्टी के धड़ों के विलय की वकालत कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि उनकी पलानीस्वामी को 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार करने की कोई मंशा नहीं है।’’
कुछ दिन पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने कहा था कि पलानीस्वामी अन्नाद्रमुक के बारे में जो कहते हैं, वह मायने रखता है।
नागेंद्रन ने संकेत दिया कि अन्नाद्रमुक पलानीस्वामी के साथ है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अन्नाद्रमुक महासचिव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और एएमएमके नेता टी. टी. वी. दिनाकरन के साथ बातचीत करने और उन्हें राजग में वापस लाने को तैयार हूं।’’
अन्नाद्रमुक के एक सूत्र ने कहा कि पलानीस्वामी शाह को बता सकते हैं कि उन्होंने पार्टी में अपनी स्थिति पहले ही मजबूत कर ली है और अगर कुछ लोगों को फिर से शामिल किया गया, तो एकता की वकालत करने वाली ‘कुछ आवाजें’ चुनाव प्रचार में पार्टी की संभावनाओं को पटरी से उतार देंगी।
पलानीस्वामी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता के. पी. मुनुसामी और एस. पी. वेलुमणि भी थे। इन नेताओं के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मिलने की संभावना है।
अपने प्रस्थान से पहले, पलानीस्वामी ने विलय पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि जिन लोगों ने अन्नाद्रमुक मुख्यालय में तोड़फोड़ की, जिसे पार्टी कार्यकर्ता ‘मंदिर’ मानते थे, उनके लिए अन्नाद्रमुक में कोई जगह नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई की जयंती पर 15 सितंबर को यहां अन्नाद्रमुक द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए पलानीस्वामी ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि उनका दिल्ली दौरा अन्नाद्रमुक के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।