अदाणी समूह 2031-32 तक बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 60 अरब डॉलर का निवेश करेगा

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नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला अदाणी समूह वित्त वर्ष 2031-32 तक बिजली क्षेत्र में, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, उत्पादन और पारेषण/वितरण में, लगभग 60 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है।

एक निवेशक प्रस्तुति में अदाणी पावर ने कहा कि समूह वित्त वर्ष 2029-30 तक 21 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बना रहा है ताकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 2024-25 के 14.2 गीगावाट से बढ़ाकर 50 गीगावाट तक पहुंचाया जा सके।

अदाणी समूह की इकाई अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) यूटिलिटी-स्केल ग्रिड से जुड़ी सौर और पवन ऊर्जा फार्म परियोजनाओं का विकास, निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रखरखाव करती है।

समूह अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) के माध्यम से पारेषण और वितरण क्षमता के निर्माण में 17 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा।

एईएसएल एक बहुआयामी संगठन है जिसकी ऊर्जा क्षेत्र के विभिन्न खंड जैसे विद्युत पारेषण, वितरण, स्मार्ट मीटरिंग और शीतलन समाधान क्षेत्र में उपस्थिति है।

कंपनी वित्त वर्ष 2029-30 तक भारत की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 30,000 किलोमीटर लंबी पारेषण लाइन स्थापित करने की योजना बना रही है। यह 31 मार्च, 2025 तक 19,200 किलोमीटर थी।

समूह वित्त वर्ष 2031-32 तक अदाणी पावर के माध्यम से 22 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है ताकि इसे 2024-25 के 17.6 गीगावाट से बढ़कर 41.9 गीगावाट क्षमता तक पहुंचाया जा सके।

अदाणी पावर भारत की सबसे बड़ा निजी ताप बिजली उत्पादक कंपनी है। इसकी क्षमताएं गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में फैली हुई हैं और गुजरात में 40 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना है।

अदाणी समूह ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बिजली बाजारों में से एक है, जहां कुल स्थापित क्षमता 11 प्रतिशत की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़कर 2024-25 के 475 गीगावाट से 2031-32 तक 1,000 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। यह क्षेत्र 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश के अवसर प्रदान करता है।

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में, भारत 172 गीगावाट की कुल नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता के साथ विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है। यह क्षेत्र वित्त वर्ष 2031-32 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश के अवसर प्रदान करता है और 571 गीगावाट के स्तर तक पहुंच सकता है।

तापीय बिजली क्षमता वित्त वर्ष 2024-25 के 247 गीगावाट से बढ़कर 2031-32 तक 309 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2031-32 तक 80 गीगावाट अतिरिक्त कोयला क्षमता की आवश्यकता है। यह क्षेत्र 91 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश के अवसर प्रदान करता है।

अदाणी पावर ने कहा, ‘‘बढ़ती मांग और नवीकरणीय ऊर्जा में बदलाव के बीच कोयला भारत की बिजली उत्पादन की रीढ़ बना हुआ है और स्थिर, बड़े पैमाने पर आपूर्ति प्रदान करता है। यह बढ़ती अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।’’

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