न्यायालय का पहलगाम हमले का जिक्र करना कश्मीर के संबंध में सरकार के अविश्वास को दर्शाता है: महबूबा

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श्रीनगर, 14 अगस्त (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय द्वारा पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करना इस बात को उजागर करता है कि केंद्र सरकार को इस क्षेत्र की स्थिरता पर भरोसा नहीं है, जबकि उसने इसे केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर पर अपनी पकड़ ढीली करने को तैयार नहीं है।

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र से आठ हफ्ते में जवाब मांगा।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन द्वारा जल्द सुनवाई के अनुरोध पर प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई ने कहा, ‘‘पहलगाम में जो हुआ उसे आप नजरअंदाज नहीं कर सकते… फैसला संसद और कार्यपालिका को लेना है।’’

अपने पोस्ट में महबूबा ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करना, क्षेत्र की स्थिरता में भारत सरकार के निरंतर अविश्वास के एक गंभीर मुद्दे को रेखांकित करता है।’’

जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने और उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद भी केंद्र अपने सख्त नियंत्रण को कम करने को तैयार नहीं दिखता।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह एक गंभीर राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक गतिरोध को दर्शाता है।’’

महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि जम्मू कश्मीर का मुद्दा राज्य का दर्जा बहाल करने या संवैधानिक दर्जे से कहीं अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक नयी दिल्ली (केंद्र) लोगों की राजनीतिक आकांक्षाओं के साथ नहीं जुड़ती और मूल मुद्दे का सीधा समाधान नहीं करती, तब तक चाहे कितनी भी ताकत लगा ले, यह अनिश्चित स्थिति में ही रहेगा। अब समय आ गया है कि भारत सरकार पिछली गलतियों को सुधारे और क्षेत्र में स्थायी शांति एवं उसकी गरिमा लौटाने के लिए बातचीत और सुलह की एक ईमानदार प्रक्रिया शुरू करे।’’