रिलायंस रिटेल को अगले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का भरोसाः ईशा अंबानी

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नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) देश की अग्रणी खुदरा कंपनी रिलायंस रिटेल को अगले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत की सालाना संचयी वृद्धि दर हासिल करने का भरोसा है।

कंपनी की निदेशक ईशा अंबानी ने शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कहा कि विभिन्न कारोबार क्षेत्रों में मजबूत मांग और संरचनात्मक वृद्धि के सहारे यह लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।

ईशा अंबानी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में रिलायंस रिटेल का कारोबार 3.3 लाख करोड़ रुपये (38.7 अरब डॉलर) तक पहुंच गया। कंपनी की सबसे प्रमुख श्रेणियों- किराना, फैशन एवं जीवनशैली और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में मजबूत वृद्धि की संभावना बनी हुई है।

उन्होंने कहा, “ये सिर्फ वित्तीय उपलब्धियां नहीं हैं, बल्कि इस बात का प्रमाण हैं कि महत्वाकांक्षा, अनुशासन, नवाचार और निष्पादन मिलकर दीर्घकालिक मूल्य का सृजन कर सकते हैं।”

ईशा ने कहा कि कंपनी का ऑनलाइन और क्विक कॉमर्स कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और अगले तीन वर्षों में खुदरा राजस्व का 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इन्हीं बिक्री माध्यमों से आएगा। वर्तमान में यह हिस्सा एकल अंक में है।

उन्होंने बताया कि रिलायंस रिटेल ने पिछले वित्त वर्ष में 2,659 नए स्टोर के साथ ही कुल स्टोर की संख्या 19,340 हो गई। वर्तमान में खुदरा स्टोर से ही करीब 70 प्रतिशत राजस्व आता है। आगे भी सालाना 2,000–3,000 नए स्टोर खोले जाएंगे।

ईशा ने बताया कि जियोमार्ट स्थानीय स्तर पर त्वरित आपूर्ति में अग्रणी बन चुका है और विशाल स्टोर नेटवर्क एवं उपभोक्ता डेटा के आधार पर सबसे तेज एवं भरोसेमंद सेवाएं दे रहा है।

उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य तेजी से बढ़ते एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान) कारोबार को अगले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व तक ले जाना और इसे वैश्विक स्तर तक विस्तार देना है।

ईशा अंबानी ने कहा कि रिलायंस कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड (आरसीपीएल) को एक अलग कंपनी के रूप में सूचीबद्ध करने से नई संभावनाएं खुलेंगी और यह व्यवसाय अधिक स्वतंत्र रूप से उपभोक्ता बाजारों पर ध्यान दे सकेगा। इससे प्रबंधन तेजी से बदलते उपभोक्ता रुझानों का जवाब देने और सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने में सक्षम होगा।

रिलायंस का दो साल पहले शुरू हुआ एफएमसीजी कारोबार पहले ही 11,500 करोड़ रुपये का राजस्व पार कर चुका है। कंपनी अब पश्चिम एशिया, श्रीलंका, नेपाल और पश्चिम अफ्रीका तक अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। इसका लक्ष्य अगले 12 महीनों में 25 देशों तक पहुंचने का है।