अमेरिकी सहायता बंद होने के बाद दक्षिण अफ्रीका में एचआईवी के इलाज के लिए जूझ रहे लोग

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जोहानिसबर्ग, 24 अगस्त (एपी) अमेरिका की ओर से मिलने वाली विदेशी सहायता बंद होने के बाद दक्षिण अफ्रीका में ‘ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस’ (एचआईवी) से पीड़ित हजारों लोग इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

दुनियाभर में एचआईवी संक्रमितों की सबसे अधिक संख्या दक्षिण अफ्रीका में है।

छह महीने पहले अमेरिका की ओर से दी जाने वाली वाली विदेशी सहायता बंद करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद निशुल्क एचआईवी सेवाएं प्रदान करने वाले कई गैर-लाभकारी क्लीनिक 24 घंटे अंदर बंद कर दिए गए थे, जिसके कारण जोहानिसबर्ग में यौनकर्मियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं।

क्लीनिकों के बंद होने की खबर फैलते ही एचआईवी पीड़ित और वे लोग तुरंत जीवन रक्षक दवाएं खरीदने पहुंच गए, जिन्हें एचआईवी होने का खतरा है।

देश भर में बंद हुए 12 क्लीनिकों में 63,000 से ज्यादा लोगों का इलाज किया जा रहा था। ऐसे में 2,20,000 से ज्यादा लोगों को अपनी दैनिक एचआईवी दवा लेने में रुकावट का सामना करना पड़ा।

दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने वादा किया है कि वह अमेरिका के सहायता वापस लेने से अपने एचआईवी कार्यक्रम को ध्वस्त नहीं होने देगी।

यौनकर्मी दक्षिण अफ्रीका के सबसे असुरक्षित वर्ग के लोग माने जाते हैं क्योंकि उनका काम अवैध है। ट्रांसजेंडर लोगों ने परिवारों या समुदायों के डर के कारण नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस से बात की। उन्होंने एचआईवी के खतरे का सामना करने वाले लोगों के लिए एचआईवी दवा या निवारक दवा प्राप्त करने में होने वाली परेशानियां बयां कीं।

एचआईवी से संक्रमित यौनकर्मी और तीन बच्चों की मां ने बताया कि सरकारी अस्पतालों से वापस भेज दिए जाने के बाद वह लगभग चार महीने तक दवा नहीं ले पाईं जबकि सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ऐसा नहीं है।

महिला ने कहा, “मैं केवल अपने बच्चों के बारे में ही सोचती थी ।मैं अपने बच्चों को कैसे समझाऊंगी कि मैं अपने चुने हुए काम के कारण बीमार हूं?”

सैंतीस वर्षीय महिला ने बताया कि उन्हें आखिरकार जून में एक मोबाइल क्लिनिक से एक महीने की दवा मिल गई, जिसे अमेरिकी सहायता में कटौती के बाद शुरू किया गया था। उन्हें नहीं पता था कि उसके बाद वह क्या करेंगी।

एक अन्य एचआईवी संक्रमित यौनकर्मी ने बताया कि उसने काले बाजार से अवैध रूप से दवाइयां खरीदीं, जहां गोलियों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है।

अमेरिका ने इसके बाद से सीमित छूट के तहत दुनिया भर में कुछ जीवन रक्षक एचआईवी सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है, लेकिन अमेरिकी विदेशी सहायता के अधिकांश हिस्से के बंद होने से अराजकता फैल गई है।

कुल मिलाकर, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि सहायता में कटौती समाप्त नहीं किया गया या अन्य तरीकों से भरपाई नहीं की गई तो अगले कुछ वर्षों में दक्षिण अफ्रीका में लाखों नए संक्रमण फैलेंगे तथा हजारों अतिरिक्त मौतें होंगी।