नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के अध्यक्ष पुनीत चंडोक ने भारत को तकनीक और एआई के लिए सबसे आकर्षक बाजारों में एक बताया है।
उन्होंने भारत के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता और वैश्विक वृद्धि को गति देने वाले आर्थिक संबंधों में विश्वास की बात भी की।
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष चंडोक ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि एआई अब कंपनी के 30 प्रतिशत कोड लिखता है, लेकिन उद्योग में आपूर्ति पक्ष पर एक बड़ा ”तकनीकी ऋण” बना हुआ है, जिसके लिए अधिक इंजीनियरों, सॉफ्टवेयर और अनुप्रयोगों की आवश्यकता है, क्योंकि कंपनी भविष्य के लिए निर्माण पर जोर दे रही है।
तकनीकी ऋण से आशय अधिक मजबूत नजरिये के साथ साफ्टवेयर विकास की जगह जल्दी सफलता पाने वाले रास्ते को अपनाना है। इससे भविष्य की वृद्धि धीमी होने का खतरा रहता है।
माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सत्य नडेला ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वाशिंगटन स्थित इस तकनीकी दिग्गज का 30 प्रतिशत कोड अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता या एआई द्वारा लिखा जाता है।
चंडोक ने भारत को तकनीक और एआई के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में से एक बताया।
उन्होंने कहा, ”माइक्रोसॉफ्ट के रूप में, हम भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं और देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं।”
दुनिया भर में व्यापक उपस्थिति वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी होने के नाते माइक्रोसॉफ्ट आर्थिक संबंधों को वैश्विक वृद्धि की कुंजी मानती है और निवेश एवं कौशल विकास के माध्यम से भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और गहरा कर रही है।
चंडोक ने युवाओं से एआई में दक्षता हासिल करने का आग्रह भी किया और इसे बेहद महत्वपूर्ण बताया है।
उन्होंने देकर कहा कि ऐसे कौशल केवल सिद्धांत या अवलोकन से नहीं, बल्कि उपकरणों के व्यावहारिक उपयोग से सीखे जा सकते हैं।
चंडोक ने कहा कि उनका मानना है कि एआई नियमित काम को स्वचालित करके संज्ञानात्मक क्षमताओं को कम करने के बजाय बढ़ाता है। ऐसे में उपयोगकर्ता मूल्य-वर्धित और निर्णय-आधारित कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।