खरगे ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रेड्डी का विपक्षी नेताओं से परिचय कराया

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नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी का बुधवार को संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले विभिन्न दलों के नेताओं से परिचय कराया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रेड्डी का परिचय देते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है जो संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति समर्पित है और रेड्डी ऐसे ही एक व्यक्ति हैं।

खरगे ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने विपक्ष के साथ भेदभाव किया है।

उन्होंने सरकार पर संसद में जल्दबाजी में तथा विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बावजूद विधेयक पारित करने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, “मोदी सरकार जल्दबाजी में विधेयक पारित कर रही है। सांसदों को बोलने की अनुमति न देकर अध्यक्ष ने भी इसमें भूमिका निभाई है।”

रेड्डी का स्वागत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर हमला करने वालों और इसका संरक्षण करने वालों के बीच लड़ाई चल रही है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव ‘‘चुराने’’ के बाद भाजपा बिहार के चुनाव भी ‘‘चुराने’’ में सफल हो जाएगी लेकिन जनता अब समझ चुकी है और ऐसा नहीं होने देगी।

रेड्डी को भारतीय न्यायशास्त्र में एक “प्रमुख व्यक्तित्व” बताते हुए खरगे ने कहा कि वह न्याय के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के निर्भीक समर्थक रहे हैं, तथा उन्होंने ऐसे ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिनसे भारत के लोकतंत्र का ताना-बाना मजबूत हुआ है।

कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “ उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव केवल एक पद के लिए चुनाव नहीं है; यह हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए एक वैचारिक युद्ध है। हालांकि सत्तारूढ़ दल ने आरएसएस की विचारधारा को चुना है लेकिन हम संविधान और उसके मूल्यों को अपना मार्गदर्शक मानते हैं।”

उन्होंने कहा, “ बी सुदर्शन रेड्डी न्याय, समानता और समावेशिता के शाश्वत मूल्यों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी और हमारे संविधान का आधार बने।”

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, उनका नामांकन राज्यसभा के कामकाज में निष्पक्षता और गरिमा को बहाल करने के लिए एक दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “भारत की लोकतांत्रिक राजनीति की विश्वसनीयता संसद पर निर्भर करती है, जो एक मजबूत मंच के रूप में कार्य करती है, जहां सदस्य स्वतंत्र रूप से और निष्पक्ष रूप से उन लोगों की शिकायतों और आकांक्षाओं को व्यक्त करते हैं जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।”

गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “संविधान संशोधन विधेयक और अन्य विधेयक जो संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के मूल मूल्यों को कमजोर करते हैं, उन्हें सत्र के अंत में छलपूर्वक पेश किया जा रहा है, जिससे सार्थक चर्चा या जांच की कोई गुंजाइश नहीं बचती।”

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में ‘‘हमने देखा है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए ईडी, आयकर और सीबीआई जैसी स्वायत्त एजेंसियों को दमनकारी शक्तियों से लैस करने के लिए संसदीय बहुमत का घोर दुरुपयोग किया गया है।”

उन्होंने कहा, “अब ये नए विधेयक राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकारों को और कमजोर करने तथा अस्थिर करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के लिए हथियार बन जाएंगे।”

खरगे ने दावा किया, “संसद में हमने विपक्ष की आवाज़ दबाने का बढ़ता चलन देखा है। बार-बार हमें सदन में महत्वपूर्ण जन सरोकार के मुद्दे उठाने से वंचित किया जाता है।”

कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “ हम विपक्षी दल, श्री रेड्डी के समर्थन में एकजुट हैं। हमें विश्वास है कि उनकी बुद्धिमत्ता, निष्ठा और समर्पण हमारे राष्ट्र को न्याय और एकता पर आधारित भविष्य की ओर प्रेरित और निर्देशित करेंगे।”

खरगे ने सभी सांसदों से रेड्डी की उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा, “हम संसद के प्रत्येक सदस्य से आग्रह करते हैं कि वे हमारे लोकतंत्र को जीवंत और लचीला बनाने वाले मूल्यों की रक्षा और संरक्षण के इस ऐतिहासिक प्रयास में हमारे साथ शामिल हों।”

कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि वे आठ सितंबर को एक छद्म चुनाव आयोजित करेंगे, ताकि उनके सांसदों को नौ सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान मतदान करने के तरीके के बारे में जानकारी मिल सके।

बैठक के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) के राम गोपाल यादव, द्रमुक के तिरुचि शिवा, शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय सहित कई विपक्षी नेता भी उपस्थित थे।

इसके अलावा, उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का स्वागत करते समय अन्य विपक्षी सांसद भी केंद्रीय कक्ष में मौजूद थे।