प्रतापगढ़, 29 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में हुई हालिया हिंसा पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को कहा कि एक दिन पहले सौंपी गई न्यायिक आयोग की रिपोर्ट दंगों की साजिश की पुष्टि करती है।
प्रतापगढ़ में 570 करोड़ रुपये की 186 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट के निष्कर्षों का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘न्यायिक आयोग ने कल संभल घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 2024 में दंगों की साजिश के कुछ हिस्सों का खुलासा किया गया है।’’
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के समय में हिंदुओं को निशाना बनाया गया और उनकी जनसांख्यिकी को कम किया गया।
उन्होंने कहा कि आज ‘डबल इंजन’ वाली सरकार है जो जनसांख्यिकी को बदलने नहीं देगी।
योगी ने कहा कि “विकास कार्यों को देखकर विपक्ष बौखला गया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का ‘इंडी’ गठबंधन वास्तव में ‘एंटी इंडिया’ गठबंधन है। यह गठबंधन भारत की आन-बान-शान से खिलवाड़ करता है और देश को जाति-धर्म के आधार पर बांटने का काम करता है।”
उन्होंने कहा, “जब-जब इन्हें सत्ता मिली, तब-तब इन्होंने माफिया को बढ़ावा दिया, गुंडागर्दी करवाई और गरीबों का हक छीना। अब जनता ने इन्हें नकार दिया है।”
योगी ने हाल ही में बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी दिवंगत मां पर की गई कथित अभद्र टिप्पणियों को विपक्ष की हताशा का नतीजा बताते हुए कहा कि ऐसे लोग राजनीति में जगह बनाने के लायक नहीं हैं।
योगी ने कहा कि इन लोगों को समझना चाहिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और उनके प्रति अपशब्दों का प्रयोग करने का मतलब सूरज पर थूकने जैसा है, यह थूक इनके ऊपर ही आ रहा है।
महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने माफिया मुक्त प्रदेश बनाया है। बेटी की इज्जत पर हाथ डालने वालों का अगले चौराहे पर यमराज इंतजार करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल प्रतिभा को निखारने के लिए आने वाले दिनों में प्रदेश की हर कमिश्नरी (मंडल) में ‘स्पोर्ट्स कॉलेज’ बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय को बृहस्पतिवार को सौंपी गई रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘नरसंहार’ रोकने का श्रेय दिया गया और इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि जिले में ‘‘बाहर से दंगाइयों को लाया गया था।’’
रिपोर्ट में आजादी के बाद से संभल में हुए महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तनों पर चिंता व्यक्त की गयी है, जब संभल की नगरपालिका आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत थी।
सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि संभल में सांप्रदायिक दंगों का इतिहास रहा है, जिसकी शुरुआत 1953 में शिया-सुन्नी संघर्ष से हुई, जिसके बाद 1956, 1959 और 1966 में दंगे हुए।
उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले की जांच के लिये गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी।