मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ायी

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बेंगलुरु, 29 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कारों में वृद्धि की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार खिलाड़ियों को समर्थन देने और उन्हें अधिक ऊंचाइयां हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड में आयोजित 38वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में राज्य का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा, ‘‘हमने स्वर्ण पदक विजेताओं को सात लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को पांच लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को तीन लाख रुपये देने का फैसला किया है।’’

इस प्रतियोगिता में 34 स्वर्ण, 18 रजत और 28 कांस्य पदकों के साथ कर्नाटक को पदक तालिका में पांचवा स्थान दिलाने पर खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। मुझे उम्मीद है कि कर्नाटक अगली खेल प्रतिस्पर्धाओं में पहला स्थान हासिल करेगा।’’

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 2015 में उनके पिछले कार्यकाल के दौरान स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए क्रमशः पांच लाख रुपये, तीन लाख रुपये एवं दो लाख रुपये के नकद पुरस्कारों की घोषणा की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक ओलंपिक संघ ने पुरस्कार राशि बढ़ाने का आग्रह किया था। हमने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और राशि में संशोधन किया है।’’

सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को पदक जीतने में मदद करने वाले प्रबंधक और कोच को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार राज्य में खेलों को हर संभव सहयोग देगी। मैं शुरू से ही खिलाड़ियों की मांगें पूरा करता रहा हूं।’’

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पदक विजेताओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा।

खेल कोटे के तहत पुलिस आबकारी विभाग में ‘डिप्टी एसपी’ नियुक्त किए गए सुनील भाटी का उदाहरण देते हुए सिद्धरमैया ने कहा,‘‘उच्च पदों पर पदोन्नति के अवसर भी उपलब्ध होंगे।’’

अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओलंपिक, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेताओं को पांच करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को तीन करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपये का पुरस्कार देगी।

उन्होंने कहा कि यह लालच नहीं बल्कि प्रोत्साहन है।