कहते हैं कि खूबसूरती दरअसल एक एहसास है – जो देखने वाले की नजऱ, सोच और भावनाओं पर निर्भर करता है। हर व्यक्ति के लिए इसकी परिभाषा अलग हो सकती है कोई चेहरे की मासूमियत में सौंदर्य ढूंढता है, कोई आवाज़ की मिठास में, तो कोई मुस्कान की सादगी में। कुछ लोगों के लिए खूबसूरती केवल बाहरी आभा है – चेहरा, आंखें, बाल या पहनावा। वहीं कई लोग आंतरिक सौंदर्य, यानी विचारों की सुंदरता, आत्मा की निर्मलता और व्यवहार की कोमलता को असली खूबसूरती मानते हैं। वास्तव में, खूबसूरती वही है जो हमारी आंखों को आकर्षित करती है और दिल को सुकून देती है। यह एक ऐसा आकर्षण है जो कभी किसी की धड़कनों में समा जाता है, तो कभी किसी के दिल का मीठा अरमान बन जाता है। साहित्य, संगीत और कला – इन सभी ने खूबसूरती को अपनी-अपनी तरह से जिया और प्रस्तुत किया है। लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण सत्य को समझना आतश्यक है। * खूबसूरती क्षणिक रूप से आकर्षित करती है, पर व्यक्तित्व की खूबसूरती जीवन भर साथ चलती है। तो कैसे बनें सचमुच खूबसूरत यहां कुछ छोटे लेकिन गहरे सुझाव हैं जो आपकी खूबसूरती को संपूर्णता देंगे: व्यवहार को सुंदर बनाएं : सबसे पहले अपनी रूह को सजाइए, अपने व्यवहार को नम्र और कोमल बनाइए। एक सच्चा दिल और शालीन स्वभाव आपको भीतर से रोशन कर देता है। बॉडी लैंग्वेज का रखें ध्यान: आपका आत्मविश्वास, चाल-ढाल, मुस्कराहट और आंखों की भाषा आपके संपूर्ण व्यक्तित्व को परिभाषित करती है। ड्रेस का चयन सोच-समझकर करें: ऐसा पहनें जो आपके शरीर की बनावट के अनुसार हो। फैशन का नहीं, फिट और कम्फर्ट का चयन करें – यही असली स्टाइल है। खूबसूरती की असली चमक:महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स से ज़्यादा असर आपकी सच्ची और निश्छल मुस्कान करती है। एक दिल से निकली मुस्कान किसी का भी दिन संवार सकती है। स्वस्थ रहें, सुंदर दिखें: शारीरिक खूबसूरती आत्मविश्वास बढ़ाती है। इसके लिए रोज़मर्रा की एक्सरसाइज, संतुलित आहार और समय पर आराम ज़रूरी है। त्वचा और बालों की देखभाल: स्वच्छता और सरल देखभाल आपकी त्वचा व बालों की प्राकृतिक चमक को बनाए रखती है। एक बात जो हमेशा याद रखना जरूरी: असली खूबसूरती आईने में नहीं, आपके होने के सलीके में होती है। और जो दिल से मुस्कुरा सकता है, वही सच्चे अर्थों में सबसे खूबसूरत होता है।