130वां संविधान संशोधन विधेयक विपक्षी नेताओं की राजनीति समाप्त करने का प्रयास: अशोक गहलोत

rajasthan_chief_minister_and_senior_congress_leader_ashok_gehlot__1663747470

जयपुर, 21 अगस्त (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा में पेश 130वें संविधान संशोधन विधेयक की आलोचना करते हुए बृहस्पतिवार को इसे विपक्षी नेताओं की राजनीति समाप्त करने का प्रयास बताया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसे अलोकतांत्रिक विधेयक का सभी दलों को विरोध करना चाहिए।

लोकसभा में पेश संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पद से हटाने का प्रावधान है। इस विधेयक का विपक्षी सदस्यों ने तीखा विरोध किया और प्रस्तावित कानून को संविधान व संघवाद की भावना के विरुद्ध बताया।

गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बीते 10 वर्षों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिनमें राज्यों में मुख्यमंत्री, मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया और कई महीनों तक उनकी जमानत तक नहीं हुई लेकिन सुनवाई के बाद ये नेता निर्दोष साबित हुए। ऐसी गिरफ्तारियों की वजह केवल भाजपा सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध था।”

उन्होंने विधेयक का नाम लिए बिना कहा कि अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ऐसा कानून बना रही है जिससे महत्वपूर्ण पद पर कार्य कर रहे नेता को गिरफ्तार कर जेल में डालकर पद से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

उन्होंने दावा किया, “यह न सिर्फ विपक्षी नेताओं की राजनीति समाप्त करने का प्रयास है बल्कि हर राज्य में सरकार अस्थिर कर जनमत को कुचलने एवं भाजपा की सरकार बनाने की चाल भी है।”

गहलोत ने कहा कि सिर्फ विपक्षी ही नहीं, सत्ता पक्ष के भी ऐसे नेता जो शीर्ष नेतृत्व की इच्छा के अनुरूप काम नहीं करेंगे उन्हें भी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) व सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) द्वारा गिरफ्तार कर इस कानून के तहत बर्खास्त कर दिया जाएगा, जिससे उनकी सार्वजनिक छवि भी खराब की जा सके।

उन्होंने कहा,“ऐसे घोर अलोकतांत्रिक एवं तानाशाही मानसिकता को बढ़ावा देने वाले विधेयक का सभी दलों को विरोध करना चाहिए।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में राज्य में ‘राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना’ (आरजीएचएस) के कार्यान्वयन में आ रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले निजी अस्पतालों व मेडिकल स्टोर ने भुगतान न मिलने पर आरजीएचएस योजना में इलाज व दवाएं बंद करने की सूचना दी तो सरकार ने उनसे भुगतान करने का वादा किया, लेकिन भुगतान न होने पर फिर से इलाज बंद किया जा रहा है।

गहलोत ने कहा, “राज्य सरकार को गंभीरता से इस योजना को चालू रखने के लिए नीयत और नीति दिखानी चाहिए। हर महीने वेतन से आरजीएचएस का पैसा काटने के बाद भी ऐसी परेशानी आना उचित नहीं है।”