मानसिक स्वास्थ्य संघर्ष नहीं बल्कि साझा जिम्मेदारी होनी चाहिए : अरुणाचल के राज्यपाल

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ईटानगर, 30 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के टी परनाइक ने बुधवार को इस बात पर बल दिया कि मानसिक स्वास्थ्य अब एक मौन संघर्ष नहीं होना चाहिए, बल्कि एक साझा जिम्मेदारी होनी चाहिए।

राज्यपाल ने ईटानगर में एक कार्यक्रम में सेंकी पार्क के दीपक नबाम लिविंग होम को 10 लाख रुपये और लेखी गांव के मदर्स होम को पांच लाख रुपये के अनुदान सहायता चेक सौंपे।

लेफ्टिनेंट जनरल परनाइक ने गैर सरकारी संगठनों से आग्रह किया कि वे मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहे व्यक्तियों के कल्याण और उनके पुनर्वास तथा पुनः एकीकरण में अपने प्रयासों को दोगुना करें।

उन्होंने करुणामय देखभाल और संरचित सहायता प्रणालियों की बढ़ती आवश्यकता को स्वीकार भी किया।

दीपक नबाम लिविंग होम और मदर्स होम जैसे संगठनों द्वारा प्रदान की गई अनुकरणीय सेवाओं की सराहना करते हुए, परनाइक ने उन्हें मानवीय सेवा के चमकते उदाहरण करार दिया।

राज्यपाल ने उनकी टीम के निस्वार्थ समर्पण की प्रशंसा की तथा कहा कि ऐसे प्रयास न केवल जीवन को बेहतर बनाते हैं बल्कि उन लोगों में आशा, सम्मान और अपनेपन की भावना भी बहाल करते हैं, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उनके कल्याणकारी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा उनके साथ हैं।