पणजी, 23 जुलाई (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कंपनियों के राज्य के बाहर स्थित कॉर्पोरेट कार्यालयों के जरिये अपनी बिक्री एवं बिलिंग करने से राज्य को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
गोवा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को पेश एक लिखित जवाब में सावंत ने कहा कि एक जुलाई 2017 से लागू जीएसटी व्यवस्था उपभोग आधारित कर व्यवस्था है।
सावंत के पास राज्य के वित्त विभाग का प्रभार भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ इसलिए, वस्तुओं और/या सेवाओं पर कर उस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को प्राप्त होता है जहां उसका वास्तव में उपभोग किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए किसी भी राजस्व की हानि का कोई प्रश्न ही नहीं है, क्योंकि यह इस कराधान व्यवस्था का मूल सिद्धांत है और गोवा को वास्तव में उपभोग की जाने वाली सभी वस्तुओं/सेवाओं पर जीएसटी मिलता है, चाहे उनका निर्माण कहीं भी किया गया हो। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार गोवा में निर्मित सभी वस्तुओं पर कर उस संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को देय होगा जहां उनका वास्तव में उपभोग होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ गोवा में निर्मित वस्तुओं का एक हिस्सा यदि गोवा में ही उपभोग किया जाता है तो कर गोवा को ही देना होगा। ’’
सावंत महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक जीत अरोलकर के सवाल का जवाब दे रहे थे।
अरोलकर ने पूछा था कि क्या गोवा सरकार को राज्य के बाहर स्थित कॉर्पोरेट कार्यालयों के माध्यम से बिक्री एवं बिलिंग करने वाली कंपनियों या राज्य के भीतर विनिर्माण गतिविधि होने के बावजूद गोवा के बाहर ‘बिक्री बिंदु’ घोषित करने से जीएसटी राजस्व के नुकसान हुआ है।
गोवा विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ और आठ अगस्त को संपन्न होगा।