जम्मू कश्मीर के पहलगाम में धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है पर्यटन

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पहलगाम (जम्मू कश्मीर), 15 जून (भाषा) दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत के करीब दो महीने बाद पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और ईद की छुट्टियों के बाद स्थानीय लोगों और पंजाब से कुछ लोगों ने चरवाहों की घाटी में आना शुरू कर दिया है।

ईद के तीसरे दिन घाटी के अन्य भागों से बड़ी संख्या में कश्मीरी पहलगाम पहुंचे, जिससे यहां पर्यटन व्यापार से जुड़े लोग काफी खुशी हैं। यह पर्यटन स्थल श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर है।

श्रीनगर के एक युवा नबील भट ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हम हर साल पहलगाम जाते रहे हैं, भले ही वहां पर्यटकों की भीड़ हो या नहीं। इस साल भी कुछ अलग नहीं था। हालांकि, इस बार हमारा ज्यादा सत्कार किया गया।”

भट पहलगाम के स्थानीय लोगों द्वारा पर्यटकों पर दिए जाने वाले “विशेष ध्यान” तथा अधिकांश सेवाओं की बेहद कम कीमतों का उल्लेख कर रहे थे।

यहां से छह किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में पर्यटन गतिविधियां थम गयी थीं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय सेवा प्रदाता शामिल था।

श्रीनगर के सिविल लाइंस क्षेत्र की निवासी अलीना जान ने कहा, “इस बार सेवा प्रदाता स्थानीय लोगों के प्रति अधिक मित्रवत हैं… पिछले वर्षों में ऐसा नहीं था, जब बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते थे।”

अधिकांश स्थानीय पर्यटक इस बात से खुश हैं कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में पार्क खोलने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे इस स्थान पर अधिक लोग आकर्षित होंगे।

एक ‘टूरिस्ट हट’ के मालिक मोहम्मद इशाक ने कहा, “मौखिक प्रचार से बेहतर कोई विज्ञापन नहीं है….कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से लोग ईद के तुरंत बाद यहां आना शुरू हो गए थे, लेकिन संख्या में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई, क्योंकि सभी पार्क बंद होने के कारण उनके पास बैठने के लिए कोई जगह नहीं थी। हमें उम्मीद है कि अब इसमें बदलाव आएगा, क्योंकि उपराज्यपाल ने शनिवार को घोषणा की है कि पार्क फिर से खोले जाएंगे।”

इशाक ने कहा कि पिछले 10 दिनों में अन्य राज्यों से भी कुछ पर्यटक पहलगाम पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा कि उनमें से अधिकतर पंजाब से आए पर्यटक थे और वे निराश थे, क्योंकि वे पहलगाम की सुंदरता का आनंद नहीं ले पाए, जिसके लिए यह प्रसिद्ध है।

एक खच्चर वाले मोहम्मद रमजान ने कहा कि उनके समुदाय को उम्मीद है कि पहलगाम में पर्यटकों की बढ़ती संख्या जारी रहेगी।

उन्होंने कहा, “हमारी कमाई का मुख्य वक्त बीत गया है….लेकिन हमें उम्मीद है कि सर्दियों के शुरू होने से पहले अगले कुछ महीनों में अधिक स्थानीय लोग (कश्मीरी) हमारे पास आएंगे। इससे कुछ नुकसान की भरपाई हो सकती है।”

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