
जब शब्द चुप हो जाएं और भावनाएँ बोल उठें, तो समझ लीजिए कि “माँ” की बात हो रही है। माँ, यह सिर्फ तीन अक्षरों का शब्द नहीं, बल्कि एक संपूर्ण ब्रह्मांड है। इस शब्द में प्रेम है, तपस्या है, त्याग है, और वह शक्ति है जो हमें जीवन की हर ठोकर से संभालती है।
मदर्स डे साल में एक दिन आता है, लेकिन माँ का महत्व हर पल, हर सांस में महसूस होता है। माँ वह नींव है जिस पर हमारी पूरी ज़िंदगी खड़ी होती है। जब हम पहला शब्द बोलते हैं, पहला कदम चलते हैं, या जीवन में कोई ठोकर खाते हैं, हर बार माँ हमारे साथ खड़ी होती है, बिना किसी शर्त के।
बचपन में माँ की गोद हमें दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह लगती है। उसकी लोरी हमारी नींद को सुकून देती है, और उसकी दुआएँ हमें हर मुसीबत से बचाती हैं। वह खुद भूखी रह सकती है, लेकिन हमें कभी भूखा नहीं रहने देती। चाहे बीमारी हो या परेशानी, माँ हर दर्द को खुद पर ले लेती है, लेकिन अपने बच्चों को मुस्कराते देखना चाहती है।
समाज में माँ सिर्फ एक परिवार की धुरी नहीं होती, वह समाज को संस्कार, संवेदना और सहनशीलता की शिक्षा देती है। एक शिक्षिका, एक मित्र, एक मार्गदर्शक और सबसे बड़ी बात, एक माफ करने वाली आत्मा, माँ हर रूप में हमारे जीवन में शामिल रहती है।
आज जब हम आधुनिकता की दौड़ में व्यस्त हैं, तब कई बार माँ की ममता को हम नजरअंदाज कर देते हैं। मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की दुनिया में माँ के साथ दो शब्द बात करना भी हम भूलने लगे हैं। मदर्स डे का यही अवसर हमें याद दिलाता है कि हम अपनी माँ को सिर्फ एक दिन नहीं, हर दिन सम्मान, समय और स्नेह दें।
यह दिन कोई महंगे उपहारों या सोशल मीडिया पोस्ट का बहाना नहीं है, बल्कि माँ को यह महसूस कराने का दिन है कि वह हमारे लिए कितनी अनमोल है। अगर हम माँ के चेहरे पर एक मुस्कान ला सकें, तो वही सबसे सुंदर उपहार होगा।
हर माँ की कहानी अलग होती है, लेकिन हर कहानी में एक ही भावना होती है – निस्वार्थ प्रेम। इस मदर्स डे पर, आइए एक वादा करें – माँ के साथ समय बिताएँ, उन्हें सुने, समझें और हर दिन उनका आभार व्यक्त करें। क्योंकि माँ के बिना न हम होते, न हमारी पहचान होती।
अंततः, माँ के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं, लेकिन एक सच्चा आलिंगन, एक प्यार भरी मुस्कान और एक “मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ माँ”, यह उनके दिल को छू जाता है। माँ, तुम हो तो सब कुछ है।