
ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की शक्ति, साहस और शौर्य की गौरवगाथा है। सर्वविदित है कि पिछले लगभग ढाई दशक से भारत सहित विश्व के अनेक देश आतंकवाद की विभीषिका झेल रहे हैं। अनेक देशों में कितने ही निर्दोष लोग आतंकवादियों के द्वारा मौत के घाट उतारे जा चुके हैं। ऐसे वातावरण में विभिन्न विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होती रही हैं। यह भी सत्य है कि अनेक देश चोट खाकर भी आतंकवाद के खिलाफ मौन बने रहे। कोई ठोस कार्रवाई करने से बचते रहे। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री का दायित्व संभालते ही नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद मुक्त भारत का संकल्प प्रस्तुत किया और आरंभ से ही आतंकवाद के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। वर्ष 2014 से ही उन्होंने नया भारत, समर्थ भारत, आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध भारत जैसे अनेक संकल्प भी प्रस्तुत किए।
15 अगस्त 2015 के लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में उन्होंने कहा- एक मोमेंटम खड़ा करना चाहिए… स्वाभिमानी, गौरवशाली, समृद्ध राष्ट्र के लिए हमें सक्षम भारत बनाना है, समृद्ध भारत बनाना है, स्वस्थ भारत बनाना है, सुसंस्कृत भारत का सपना हमें पूरा करना है। स्वाभिमानी भारत बनाना है, श्रेष्ठ भारत बनाना है। स्पष्ट है कि इस प्रकार के स्वप्न और संकल्पों की पूर्ति हेतु उन्होंने अनेक योजनाएं बनाई। मजबूत अर्थव्यवस्था, संतुलित विकास,विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देना और भिन्न-भिन्न रूपों में नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण आदि ऐसी महत्वपूर्ण बातें हैं जिससे विगत एक दशक में भारत अनेक क्षेत्रों में मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2016 व 2019 और अब वर्ष 2025 में हुए आतंकी हमले के विरुद्ध नरेंद्र मोदी ने पूरी सूझबूझ एवं ताकत के साथ आतंकवाद के नेटवर्क को सीमा पार जाकर ध्वस्त करने का काम किया है।
पहलगाम के आतंकी हमले में निर्दोष लोगों को धर्म के आधार पर निर्ममता से मौत के घाट उतारा गया। इस हमले ने यह सिद्ध कर दिया कि आतंकवाद का भी धर्म होता है और उसे पोषित करने वाले इसी धर्म पर चल रहे हैं। भारत में भी कुछ तथाकथित और सेक्युलर लोग गुड़ टेररिज्म और बेड टेररिज्म का राग अलापते रहे हैं। अब समय आ गया है कि ऐसे लोगों के साथ भी दंडात्मक कार्रवाई करते हुए कठोरता से निपटा जाए। क्योंकि ऐसे लोग भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद के समर्थक ही हैं। पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से भारत के विरुद्ध नफरत भरा भाषण दिया, जिससे पुन: भारत के संबंध में पाकिस्तान की मानसिकता उजागर हुई। पहलगाम हमला सामान्य घटना नहीं थी,यह मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य था,जिसकी भारत सहित समूचे विश्व ने घोर निंदा की। पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा था। आज जन भावना आतंकवाद के समूल खात्मे की ओर बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने सेना और समूचे तंत्र के साथ समुचित योजना बनाकर जन भावना का सम्मान करते हुए आतंकवाद के गढ़ पर सबसे पहले प्रहार किया। तदुपरांत भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्यवाई आरंभ हो गई, जिसमें भारतीय सेना ने तकनीक का प्रयोग करते हुए न केवल पाकिस्तान के भारत पर आक्रमण करने के नापाक मंसूबों को ध्वस्त किया बल्कि उनके कई सैन्य ठिकानों को भी तहस-नहस किया। इसके साथ ही रणनीतिक रूप से सिंधु जल समझौता, आपसी व्यापार एवं वीजा आदि को भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। दोनों ओर से चार-पांच दिनों की सैनिक कार्रवाही में स्वयं को कमजोर पड़ता देख और भारी नुकसान उठाने के बाद पाकिस्तान संघर्ष विराम हेतु बात करने के लिए गिड़गिड़ाने लगा। यह मोदी नेतृत्व की रणनीतिक और सामरिक जीत का सबसे बड़ा प्रमाण है। सीजफायर से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है अगर वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला चलेगा। मतलब स्पष्ट है कि अब सीमा पार से किसी भी प्रकार के दबाव अथवा आतंकवाद को भारत सहने वाला नहीं है।
यह भी सर्वविदित है कि पाकिस्तान में विभिन्न स्थानों पर आतंकी ठिकाने बने हुए हैं। भारत सहित विश्व के अनेक देशों में इन्हीं ठिकानों से आतंकी तैयार करके भेजे जाते हैं। उन पर भारतीय सेना द्वारा प्रहार करना निश्चित रूप से बड़े साहस एवं योजना का प्रमाण है। ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों का मारा जाना बहुत बड़ी सफलता है। आतंकियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर पाकिस्तानी सेना ने भारत के स्कूल, कॉलेज एवं सीमावर्ती गांवों में हमले किए। इसके अतिरिक्त ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में सरकार व सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिससे आतंकवाद को पोषित करने के मुद्दे पर पाकिस्तान वैश्विक फलक पर बेनकाब हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद की स्थिति, भारतीय सेना के पराक्रम और तकनीकी क्षेत्र में मजबूती का विस्तार से वर्णन किया है। नरेंद्र मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान सीमा पर वार करेगा तो भारत पाकिस्तान के सीने पर वार करने की क्षमता रखता है। तीन-चार दिन में ही पिटने और थकने के बाद पाकिस्तान समझौते के लिए गुहार लगाने लगा और किसी भी प्रकार की आतंकवादी व सैन्य कार्रवाई न करने की घोषणा कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजबूती के साथ यह स्पष्ट किया कि हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है. आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वो क्या रवैया अपनाता है।… ऑपरेशन सिंदूर अब आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। स्पष्ट है कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ एक नई लकीर अथवा नया पैमाना है।
उन्होंने पाकिस्तान से किसी भी संवाद के लिए तीन बातें रखी हैं- (1) भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जुड़ें निकलती हैं। (2) कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत अब नहीं सहेगा। न्यूक्लियर की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। (3) हम आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे।
भारत और भारत का जन-जन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में बसते हैं। वे मातृभूमि और यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए किसी हद तक भी जा सकते हैं। इसलिए उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार और निर्णायक कदम उठाते रहेंगे। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने आरंभ से ही मेड इन इंडिया का संकल्प प्रस्तुत किया और उसके लिए लगातार काम भी किया। परिणामस्वरूप ऑपरेशन सिंदूर में मेड इन इंडिया हथियारों ने दुश्मन को सभी मोर्चों पर धूल चटा दी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता हमारी बहुत बड़ी शक्ति है। अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय और वैश्विक फलक पर फिर यह उद्घोषणा की कि यह युग युद्ध का नहीं है लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। टेररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस यह एक बेहतर दुनिया की गारंटी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा, इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है- टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते। टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते और पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।
अपने संबोधन में उन्होंने विश्व समुदाय को भी यह स्पष्ट कर दिया कि हमारी घोषित नीति रही है यदि हमारी पाकिस्तान से कोई बात होगी तो टेररिज्म पर ही होगी। अगर पाकिस्तान से बात होगी तो पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर- पीओके उस पर ही होगी। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भगवान बुद्ध ने हमें शांति का मार्ग दिखाया है लेकिन शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। स्पष्ट है कि भारत सभी से सदैव शांति चाहता है लेकिन यदि उसके लिए आवश्यकता पड़ने पर युद्ध के हालात बने तो वह उससे भी पीछे नहीं रहेगा। वह आतंकवाद का समूल नाश करके ही दम लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर जोर देकर कहा- आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था। इसलिए भारत ने आतंक के हेडक्वार्टर्स उजाड़ दिए। यह आतंकवाद के साथ साथ भारतवर्ष की नारी शक्ति के गौरव एवं सम्मान के लिए उठाया गया बड़ा और निर्णायक कदम है।
डॉ.वेदप्रकाश
प्रोफेसर, किरोड़ीमल कॉलेज,दिल्ली