मुंबई, एक जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बीते वित्त वर्ष (2024-25) में विनियमित इकाइयों (आरई) के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की और क़ानून के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए कुल 353 जुर्माने लगाए। इन जुर्मानों के तहत राशि 54.78 करोड़ रुपये बैठती है।
ये उल्लंघन/गैर-अनुपालन, बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे; जोखिम मानदंड और आईआरएसी मानदंड; अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) निर्देश; धोखाधड़ी वर्गीकरण और रिपोर्टिंग निर्देश; सीआरआईएलसी पर सूचना की रिपोर्टिंग; और क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को कर्ज जानकारी देने से संबंधित थे।
बृहस्पतिवार को जारी आरबीआई की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, “वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, विभाग ने विनियमित इकाइयों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की और समय-समय पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ निर्देशों और कानूनों के प्रावधानों के उल्लंघन/गैर-अनुपालन के लिए कुल 54.78 करोड़ रुपये के 353 जुर्माने लगाए।”
आरबीआई के आंकड़ों से पता चला है कि सहकारी बैंकों पर 15.63 करोड़ रुपये की राशि के 264 जुर्माने लगाए गए।
इसके अलावा, आरबीआई ने 37 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)/परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों पर कुल 7.29 करोड़ रुपये और 13 आवास वित्त कंपनियों पर 83 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान आठ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) पर 11.11 करोड़ रुपये और 15 निजी बैंकों पर 14.8 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।